
सागर सूरज
मोतिहारी। जमीनी विवाद मे भू-माफियाओं से पुलिस की कथित मिली-भगत के आरोपों को लेकर उच्च न्यायालय ने फिर से मोतिहारी पुलिस को खरी खोटी सुनते हुये कई तरह के सलाह जारी किये है। एक जमानत के मामले में सुनवाई करते हुये कोर्ट ने गत दिनों कहा था की ऐसा प्रतीत होता है, कि मोतिहारी पुलिस की जमीन कब्ज़ा करने वाले कुछ स्थानीय तत्वों से मिली भगत है। कोर्ट ने एसपी मोतिहारी से जमीन कब्ज़ा सम्बंधित अन्य मामलों की विस्तृत जानकारी 16 नवम्बर, 2021 तक मांगी थी। हाई कोर्ट ने बुधवार को मोतिहारी एसपी नवीन चन्द्र झा को आड़े हांथों लेते हुये कहा है कि पुलिस का यह कर्तव्य नहीं है कि सिर्फ जमीनी विवाद का हवाला देते हुये पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दे। आवेदक के आवेदन पर कार्रवाई नहीं होने से भूमि कब्ज़ा करने वालों को मदत होती है। कोर्ट ने गत 25 अक्टूबर, 2021 को मोतिहारी एसपी को दिए निर्देशों को 16 नवम्बर तक पालन नहीं करने के कारण बुधवार को एसपी नवीन चन्द्र झा को सदेह कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था। “आगामी 15 दिसंबर को इस मामले में सरकार द्वारा दिए गए शपथ पत्र पर सुनवाई की जाएगी, साथ ही मोतिहारी एसपी को सलाह के साथ साथ निर्देश दिया की अगले सुनवाई के दिन सर्वोच्च न्यायालय के ऑब्जरवेशन एवं कोर्ट के निर्देशों को लेकर आपना हलफनामा प्रस्तुत करे। मोतिहारी पुलिस से उम्मीद की जाती है की वो ललिता कुमारी बनाम स्टेट ऑफ़ यूपी मामले में सर्वोच्च के ऑब्जरवेशन के अनुकूल कार्य करे”
मामले के सरकारी वकील ने कहा कि कोर्ट ने न्यायालय में उपस्थित एसपी मोतिहारी से कई मुद्दों पर सवाल किया एवं मोतिहारी पुलिस के द्वारा जमीनी विवाद में किये जा रहे कार्रवाईयों को लेकर खरी खोटी सुनाई एवं सलाह दिया। कोर्ट ने सरकारी वकील को सलाह दिया की सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा ललिता कुमारी बनाम स्टेट ऑफ़ यूपी मामले में किये गए ऑब्जरवेशन से मोतिहारी एसपी को अवगत करवाये। मौके पर मोतिहारी एसपी ने एक शपथ पत्र भी न्यायालय में दाखिल किया। बता दे कि जस्टिस संदीप कुमार के कोर्ट ने उक्त मामले में कहा की एसपी को अनुसंधानकर्ता से पूछना चाहिए की 2019 में बरियारपुर में जमीनी विवाद में हुये जानलेवा हमले जैसे संगीन मामले में अब तक आरोपियों की गिरफ़्तारी क्यों नहीं हुई। कोर्ट ने कहा था की मोतिहारी में एसपी और डीएम दोनों है, जिन्हें कमजोर लोगों की मदत करनी चाहिय।
उल्लेखनीय है की मोतिहारी में इन दिनों कमजोर लोगों की जमीन हड़पी जा रही है और पुलिस वाले भी भू-माफियाओं की ही मदत कर रहे है। घटना के बाद पुलिस प्राथमिकी तक दर्ज करने से परहेज़ कर रही है। शहर में सबसे ज्यादा मामला नगर थाना क्षेत्र से आ रही है। कोर्ट के ऑब्जरवेशन के बाद सरकार ख़ुफ़िया विभाग से मोतिहारी पुलिस की भू-माफियाओं के साथ मिलीभगत की जाँच करते हुये कई भू-माफियाओं एवं इनके सहयोगियों की एक सूची तैयार करवा रही है।
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