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बिगनी मलाहीन : दिल के अरमा आंसू बनकर मोतीझील मे बह गए ....

बिगनी मलाहीन : दिल के अरमा आंसू बनकर मोतीझील मे बह गए ....  कहती है साहब तीस साल से सीने पर चक्की पीस रहे है, तो फिर नौ साल का ही क्यूँ | छह बार सांसद रहे चीनी मिल, आयुर्वेदिक कॉलेज तो चबा ही गए अब फिर मोदी की पुंछ पकड़ कर बयतरिणी पार करेंगे क्या ? | मंत्री रविशंकर प्रसाद के समय एक एफएम का भी शिलान्यास किए थे शील मिट्ठी के साथ मिल गया, लेकिन रेडियो स्टेशन नजर नहीं आया |  
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