murli manohar sriwastaw

महापर्व छठः प्रकृति के सम्मान का पर्व

महापर्व छठः प्रकृति के सम्मान का पर्व मुरली मनोहर श्रीवास्तव कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकति जाय… बहंगी लचकति जाय.. बात जे पुछेलें बटोहिया बहंगी केकरा के जाय? बहंगी केकरा के जाय? प्रकृति के विभिन्न तत्वों की महत्ता लोग फिर समझने लगे हैं। हमारी सनातन परंपरा में प्रकृति पूजा का प्रचलन शुरू से है और वर्ष का कोई न कोई दिन […]
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