
अरविन्द कुमार
मोतिहारी। पहाड़पुर के पीएचसी के स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मारपीट, धमकी व रंगदारी मामले में थाने में आवेदन देने के चार दिन बीत जाने के बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी। खबर है कि चिकित्सा पदाधिकारी तरुण रावत रंगदारों और उपद्रवियों के काफी दबाब में है और अपने आवेदन को वापस भी लेने के फ़िराक में है। हालाँकि तरुण रावत ने बीएनएम को बताया की घटना में जिस स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा आवेदन थाने में दिया गया है वे अभी गाँव गए है उनके आते ही कुछ और डिटेल थाने में देकर प्राथमिकी दर्ज करवा दी जाएगी। खबर के अनुसार चिकित्सा प्रभारी तरुण रावत ने इस मामले की सुचना पहाड़पुर थाने सहित सिविल सर्जन एवं अनुमंडल पदाधिकारी को लिखित में दिया था।

आवेदन में आरोप लगाया गया कि गत 8 जनवरी को सुनर पासवान को इलाज़ करवाने आये उनके सथियों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जम कर उपद्रव मचाया एवं मारपीट की। बताया गया कि ड्यूटी पर उपस्थित चिकित्सक डॉ. विकास कुमार एवं पारा कर्मी विरेन्द्र शर्मा के द्वारा मरीज को देखा गया। मरीज को मोतिहारी के डॉ. टीपी सिंह द्वारा 8 जनवरी 2022 को ही सदर हॉस्पिटल मोतिहारी में गंभीर स्थिति में रेफर कर दिया गया था। परंतु मरीज के परिजनों के द्वारा मरीज को सदर हॉस्पिटल मोतिहारी में न ले जाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहाड़पुर लाया गया। जहां चिकित्सक द्वारा मरीज की गंभीर हालत को देखते हुये सदर हॉस्पिटल मोतिहारी में रेफर कर दिया गया, परंतु मरीज के परिजनों द्वारा जान-बूझकर मरीज को मोतिहारी नही ले जाकर पहाड़पुर पीएचसी में ड्यूटी पर तैनात पारा कर्मी वीरेंद्र शर्मा से सुनर पासवान को गलत तरीके से करोना पोजिटिव का मरीज बनाकर ऑक्सीजन लगाने के लिये दबाव बनाया गया। जिसका विरोध करने पर जनार्दन पासवान के द्वारा विरेन्द्र शर्मा से अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया एवं अपने पुत्र व मरीज के भांजा कुंदन कुमार द्वारा पहाड़पुर अस्पताल में वीरेंद्र शर्मा को पिटवाया गया। सारी घटना क्रम का वीडियो रिकॉर्डिंग संस्थान में लगे सीसीटीवी कैमरा में रिकॉर्ड है। आरोप है कि पुनः 9 जनवरी 2022 को जनार्धन पासवान के नेतृत्व में उपद्रवी तत्वों द्वारा गलत तरीके से करोना के बहाने 4 लाख रुपये नियम विरुद्ध तरीके से भुगतान हेतु दबाव बनाने के उद्देश्य से अस्पताल में भारी हंगामा एवं तोड़-फोड़ किया गया। जिससे अस्पताल की खिड़की शीशे टूटे तथा गेट भी क्षतिग्रस्त हुआ। सीएस डॉ. अंजनी कुमार सिंह ने कहा है की अगर ऐसी बात है तो निश्चय ही प्राथमिकी दर्ज करवाई जाएगी।
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