जिला पुलिस मेंस एसोसिएशन के दो गुटों के बीच का विवाद गहराया, एसपी से हस्तक्षेप की मांग

जिला पुलिस मेंस एसोसिएशन के दो गुटों के बीच का विवाद गहराया, एसपी से हस्तक्षेप की मांग

पुलिस मेंस एसोसिएशन की राज्य कमिटी भी विवादों में

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आपसी विवाद की स्थिति में डीजीपी के निर्देश पर पुलिस पदाधिकारियों की उपस्थिति में चुनाव एवं मतगणना करवाने का प्रावधान है। हाल में प्रांतीय चुनाव इसी नियम के अनुसार संपन्न करवाया गया है। ऐसे में जब राज्य कमिटी भी विवादों में है तो मोतिहारी एसपी डॉ. कुमार आशीष को हस्तक्षेप कर मोतिहारी शस्त्रागार में रखे मतपेटियों की गणना कर विवाद पर विराम लगानी चाहिए।

सागर सूरज

मोतिहारी। जिला पुलिस मेंस एसोसिएशन के दो गुटों के बीच का विवाद गहराता जा रहा है। आरोप -प्रत्यारोप से संघ के भीतर राज्य कमिटी की मनमानी के साथ- साथ स्थानीय कमिटी की भी कई अनियमिताएं उभर कर सामने आ रही है। एक तरफ आरोप है कि वर्तमान में संघ की कमिटी को अवैध रूप से विस्तार कर दिया गया है, क्योंकि चुनाव के बाद भी वोटों की गिनती नहीं की जा रही है। दूसरी तरफ आरोप है कि राज्य कमिटी चाहती है कि गिनती पटना में हो और दूसरा पक्ष चाहता है कि गिनती मोतिहारी एसपी के देख रेख में हो। बताया गया है कि इसी विवाद के कारण गिनती का कार्य अभी तक बाधित है, इसी बीच राज्य कमिटी ने वर्तमान कमेटी के विस्तार का पत्र निकलते हुए इस कमिटी को बने रहने का आदेश दे डाला, इसके कारण विवाद और गहरा गया है। इस विवाद से यह भी सामने आया है कि संघ के तक़रीबन एक दर्जन से अधिक अधिकारी विगत तीन वर्षों से न तो आज तक ड्यूटी किये है और ना ही लगातार तीन माह तक उनके मोबाइल का लोकेशन भी मोतिहारी इलाकें में दिखा है।

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लेकिन आरोप है कि ये लोग प्रत्येक माह बिना डयूटी किए तनख्वाह भी उठाते रहे। जाँच हो तो सभी मामले स्पष्ट रूप से सामने आ सकते है और इन लोगों पर ड्यूटी नहीं करने और तनख्वाह उठा लेने का एक नया मामला बन सकता है। अब सवाल है कि किसकी लापरवाही से ये लोग बिना ड्यूटी किये तनख्वाह उठाते रहे है, ये भी जाँच का विषय है कि बिना ड्यूटी किए स-समय सैलरी उठाने वाले ये पुलिस मेंस एसोसिएशन के अधिकारीगण पिछले दिनों किसके आदेश से पुलिस लाइन में बार बालाओं के साथ ठुमके लगाते दिखे। बता दें कि पिछले दिनों ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमे कोरोना नियमों की धज्जियाँ तो उड़ाई ही जा रही है साथ ही बिहार पुलिस के सम्मान के साथ भी सारेआम खेला जा रहा है। विडियो में कई अधिकारी और दरोगा भी ठुमके लगाते देखे जा सकते है। हालाँकि लोगों ने बताया कि ये वीडियो 5-6 माह पहले का है। इधर बिना वोटों की गिनती के ही वर्तमान कार्यकारिणी का विस्तार कर महामंत्री और प्रांतीय अध्यक्ष ने महानिदेशक के सहायक (कल्याण) को सूचित कर दिया है।

अब सवाल ये है कि क्या एआईजी (कल्याण) इस विस्तार को सही मानेंगे ? आरोप है कि प्रांतीय अध्यक्ष के आदेश पर महामंत्री ने अवैध रूप से कार्यकाल विस्तार का आदेश दिया है। बताया गया कि संघ में आपसी विवाद की स्थिति में डीजीपी के निर्देश पर पुलिस पदाधिकारियों की उपस्थिति में चुनाव एवं मतगणना करवाने का प्रावधान है। हाल में प्रांतीय चुनाव इसी नियम के अनुसार संपन्न करवाया गया है। ऐसे में जब राज्य कमिटी भी विवादों में है तो मोतिहारी एसपी डॉ. कुमार आशीष को हस्तक्षेप कर मोतिहारी शस्त्रागार में रखे मतपेटियों की गणना कर विवाद पर विराम लगानी चाहिए। इधर प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार धीरज नेबीएनएमको बताया कि जिला पुलिस मेंस एसोसिएशन के तरफ से किसी भी तरह के विवाद की कोई सूचना उन्हें नहीं है। कोई भी पक्ष किसी भी तरह का आवेदन उन्हें नहीं दिया है।

 

 

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