आवारा जंगली जानवर और नीलगाय के आतंक से बेहाल हैं किसान
बेगूसराय । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों की आय में वृद्धि के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं लेकिन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में शासन-प्रशासन ना तो किसानों को खाद उपलब्ध करवा रही है और ना ही आवारा जंगली पशुओं से फसलों को बचाने का कोई उपाय कर रही है। जिसके कारण किसानों की आय बढ़ना तो दूर, लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है।
कालाबाजारी के कारण यूरिया खाद की भारी किल्लत से प्राकृतिक की मार का सामना करते हुए किसान लगातार परेशान हैं। परेशानी का आलम यह है कि यूरिया खाद के अभाव में बर्बाद होती फसल को देखकर किसान परिवार खून के आंसू रोने को विवश हैं। एक तरफ समय खाद नहीं मिलने के कारण रबी फसल उत्पादन की उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है। दूसरी ओर जिला के तमाम क्षेत्रों में जंगली सूअर नीलगाय एवं बंदर का झुंड गेहूं, मक्का, आलू, सरसों, मटर ,चना, धनिया, टमाटर सहित सभी फसलों को नुकसान कर भारी क्षति पहुंचा रही है।
रात का अंधेरा हो या दिन का उजाला इससे इन जंगली जानवरों को कोई फर्क नहीं पड़ता है। खाने से जो क्षति होती है उससे कहीं अधिक पैरों से रौंदकर फसल को बर्बाद कर रहे हैं। सबसे खराब हालत दियारा क्षेत्र, काबर इलाका और चौर की है। सभी जगह आवारा जानवर बंदर, बनैया सूअर एवं नील गायों का झुंड प्रत्येक दिन सैकड़ों एकड़ फसल को बर्बाद कर रहा है। तेघड़ा प्रखंड स्थित गौड़ा-एक के दर्जनों किसान ने बताया कि 24 घंटे खेतों की रखवाली संभव नहीं है। कोई भी उपाय इन जंगली जानवर के सामने कोई मायने नहीं रखता।
किसान रामाधार राय एवं ब्रजकिशोर चौधरी ने बताया कि खेतों में लगे फसलों को झुंड में चलने वाली नील गायों ने बुरी तरह से रौंदकर मेहनत एवं लागतों पर पानी फेर दिया है। बनहारा, धनकौल एवं पासोपुर में बड़ी संख्या में नीलगाय के झुंड मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान स्थिति यह है कि अकेला किसानों पर जंइली सूअर एवं नीलगाय का झुंड हमला करने से भी नहीं चूकता है। किसानों ने बताया कि फसल की घेराबंदी करना भी बेकार हो गया है। जंगली जानवर से सुरक्षा के लिए कुछ किसान खेत को तार से घेरकर उसमें बिजली सप्लाई भी कर देते हैं। इससे कुछ जान पर तो मरते हैं, लेकिन अनजाने में किसानों के लिए या घातक है।
काबर इलाके के किसान दिनेश यादव, मनोज सिंह, भूषण सिंह आदि ने बताया कि इन जंगली जानवर के आगे सभी कोशिश बेकार हो गई है। अपनी आंखों के सामने बर्बाद होती फसलों को देखने के अलावा कोई चारा नहीं बच गया है। किसानों का कहना है कि बेगूसराय जिला भर में इतने अधिक जंगली जानवर हो गए हैं कि कहना मुश्किल है। दिन प्रतिदिन इनकी संख्या बढ़ रही है, सरकार प्रशिक्षित शिकारी को भेजकर इन्हें नहीं मरवाती है या पकड़कर दूरदराज के जंगली इलाकों में नहीं पहुंच आती है तो फसल का उत्पादन मुश्किल है, ऐसी हालत में आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएंगे।
शासन-प्रशासन ना तो खाद उपलब्ध करवा रही है और ना ही जंगली जानवरों से रक्षा कर रही है। किसान नेता अशोक प्रसाद सिंह एवं दिनेश सिंह सहित अन्य किसानों ने डीएम से यूरिया खाद की कालाबाजारी पर त्वरित संज्ञान लेकर आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा आवारा पशुओं से किसानों की बर्बाद हो रही फसल को बचाने एवं बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दिलाने की मांग की है।
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