सागर सूरज
मोतिहारी। पुलिस सप्ताह के अंतिम दिन पुलिस लाइन में आयोजित भव्य कार्यक्रम कई मायनों में ना केवल यादगार रही बल्कि इस कार्यक्रम को पुलिस- पब्लिक रिश्तों में एक बेहतर शुरुआत के रूप में देखी जा रही है। कार्यक्रम में जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक और आयोजकों का नेतृत्व करते मोतिहारी एसपी डॉ. कुमार आशीष के भाषण भी लाजबाब रहे। दूरियां इस तरह ख़त्म हुई की कुछ देर के लिए ना कोई एसपी था, ना कोई आम आदमी और ना ही कोई कनीय पुलिस अधिकारी या चौकीदार। गीत, संगीत, लघु नाटिका के साथ- साथ डांस का ऐसा समां बंधा की सभी देखते रह गए। एक सिपाही भी अपने वरीय अधिकारियों के सामने देश भक्ति गानों पर इस कदर ठुमके लगा रहा था, जैसे वो अपने ग्रामीणों के बीच अपने कला का प्रदर्शन कर रहा है।

प्रशिक्षु डीएसपी सु श्री विनीता सिन्हा की शानदार होस्टिंग एक तरफ कार्यक्रम की गंभीरता को प्रदान करने में सफल दिखी। वही नगर थानाध्यक्ष सह- पुलिस निरीक्षक विजय प्रसाद राय की मजाकिया बाते माहौल हल्का करते हुये कार्यक्रम के उद्देश्यों की ओर बढ़ने में मदत कर रहा था। कार्यक्रम में आम आदमी के हौसला अफजाई को भी काफी ध्यान में रखा गया। जहाँ ग्रामीण अपने फनों को मंच पर साधते दिखे। वही दूसरी ओर सिपाही स्तर के लोग भी अपने हुनर से पदाधिकारियों को अवगत करवाया साथ ही एक विशेष पुरस्कार मद्नाकर कुमार नामक एक शिक्षक को भी दिया गया। शिक्षक ने छतौनी के सुभाष नगर इलाके में बिजली के पोल पर लगे आग को गैस से बुझाकर प्रशासन की भूमिका अदा की, वही सुगौली के गुड्डू एजाज ने खुद आयोजक को फोन कर मंच पर एक गजल प्रस्तुत की।
अवसर पर बेहतर कार्य कर रहे पुलिस अफसरों सहित पुलिस के लिए निचले स्तर तक कार्य कर रहे कुछ चौकीदारों को भी सम्मानित किया। सम्मानित होने वालो में पकड़ीदयाल डीएसपी और ढाका डीएसपी के साथ- साथ उनकी टीम थी। ढाका इंस्पेक्टर अभय कुमार और पकड़ीदयाल इंस्पेक्टर मुकेश चन्द्र कुंवर को भी सम्मान के श्रृंखला में सम्मलित किया गया।

सिपाहियों द्वारा प्रस्तुत लोक गीत ‘पिया गईले कलकतवा-रे सजनी, कभी भेजे नहीं पतवा रे सजनी’ ने एक ओर भोजपुरी की खुशबू को महफ़िल में विखेरने का कार्य किया। वही सुगौली निवासी ग्रामीण ने ‘हम तेरे शहर में आये है मुसाफिर की तरह” गजल को गाकर माहौल को थोड़ी देर के लिए संजीदा बना दिया। एक सिपाही द्वारा एक देश भक्ति गाने पर किये गए नृत्य की जबरदस्त प्रशंसा हुई। बीच- बीच में प्रशिक्षु डीएसपी विनीता सिन्हा ने अपनी स्व- लिखित कविताओं के माध्यम से अपने साहित्यिक मिजाज को भी लोगों के सामने प्रस्तूत किया। उम्मीद की जा रही है कि यह कार्यक्रम जिले में “दोस्त पुलिस’ संस्कृति की शुरुआत की पहली नीव है, जिसमे पिछले कुछ वर्षो से ग्रहण लग चूका था। पिछले वर्षों पुलिस पर हुये तक़रीबन एक दर्जन हमले इसका गवाह है।
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