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सागर सूरज
मोतिहारी। जिला उत्पाद विभाग अपने कारगुजारियों के लिए हमेशा से ही विवादों में रहा है। इस बार शराब पीने के आरोप में ग्रामीणों को पकड़ कर मोतिहारी लाना और फिर आर्थिक और मानसिक शोषण करने के बात उसको छोड़ देना जैसे मामले खासे चर्चे में है। इस गंदे खेल में उत्पाद विभाग के कनीय से लेकर वरीय पदाधिकारी भी पुरी तरह से शामिल है।

इस मामले को पर्दाफाश करते एक ऑडियो भी खूब वायरल हो रहा है। ऑडियो में उत्पाद विभाग का एक कर्मचारी पकड़े गए व्यक्तियों के परिजनों से छोड़ने के बदले रूपये की मांग कर रहा है। बताया गया कि संग्रामपुर थाने के दरियापुर निवासी नसीम अख्तर खान, पिता- फसी अहमाद खान को उत्पाद विभाग के पुलिस कर्मी अचानक शराब पीने के आरोप में पकड़ लाया। हाजत में अन्य कई लोग भी इसी तरह के आरोप में बंद किये गए थे। एक तरफ आरोप है की जहाँ नसीम के परिजनों से 13, 500 रुपया ऐठा गया। वही अन्य लोगों से 20, 000 तो 25, 000 रुपया वसूल किया गया। नसीम ने खुद बताया कि गिरफ़्तारी के बाद उसकी शराब पिने की जाँच भी अस्पताल में हुई परन्तु शराब पीने के कोई इंडिकेशन रिपोर्ट में नहीं आई, फिर भी उत्पाद विभाग के एक ड्राईवर राजा कुमार सहनी ने ख़ुद कई बार मेरे परिजनों को फोन किया एवं उत्पाद के एक अधिकारी से बात भी करवाया कहा गया कि अगर छोड़वाना है तो संपर्क करें।
रूपये लेकर मुझे नियमानुसार बांड पर छोड़ दिया गया और बाद में एक मुकदमा 155/2022 भी दर्ज कर दिया गया। मेरे अलावे कई लोगों से रूपये ऐठे गए और बांड पर छोड़ा गया या कुछ लोगों को बिना बांड के भी छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि उनकी गिरफ़्तारी 4 मार्च को की गयी और 5 को छोड़ा गया।
वही सोमवार को कल्याणपुर थाने के माधोपुर गाँव के रहने वाले मोहन राम को 9,000 रुपया लेकर छोड़ दिए जाने का आरोप है। वही बताया जा रहा है एक प्रियंका नामक कर्मचारी से रूपये की डील किये जाने का आरोप है।
आरोप है कि नसीम मामले में फोन करने वाला ड्राईवर उत्पाद विभाग का सूमो चलाता है, जबकि उसके साथ राजू नामक एक अन्य विभाग का ही ड्राईवर था। पूछने पर उत्पाद दरोगा मनीष श्राफ ने कहा कि आरोप बेबुनियाद है। नसीम को नियमानुसार बांड पर छोड़ा गया और प्राथमिकी दर्ज की गयी है। इधर आरोप है ऐसे मामले उत्पाद विभाग के दिनचर्चे में शामिल हो गयी है।
प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में लोगों को शराब पीने के आरोप में पकड़ के लाया जाता है और उसमे से ज्यादातर लोगों से उगाही कर उसे छोड़ दिया जाता है। उसी मामले में प्राथमिकी दर्ज की जाती है, जिस मामले में मामला खुल जाने का भय सताता है।सभी आरोपों का समर्थन करते हुये दरियापुर के ही मह्बुबू खान ने कहा कि रुपया मेरे समक्ष उत्पाद विभाग के लोगों को दिया गया उसके बाद छोड़ने के बाद भी मोबाइल वापस करने के नाम पर अलग से रुपया ऐठा गया। इधर सदर अनुमंडल पदाधिकारी सौरभ सुमन यादव ने बॉर्डर न्यूज़ मिरर से बात करते हुये कहा कि मामले में जांच की जाएगी एवं दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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