
सागर सूरज
मोतिहारी। छौड़ादानों प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. एजाज अहमद अपने गलत कार्यों एवं दादागिरी को लेकर फिर शुर्खियों में है। भ्रष्टाचार एवं अनियमितता जैसे मामलों के आरोप में कई बार विभागीय कार्रवाई को झेल चुके डॉ. एजाज इन दिनों लगातार सवाल पूछने वाले पत्रकारों से उलझने के कारण खबरों में है।

ताज़ा मामला बीएनएम रिपोर्टर भरत कुमार के साथ डॉ. एजाज़ एवं उनके गुंडों के द्वारा ना केवल दुर्व्यवहार किया गया बल्कि उनके कैमरे भी तोड़ दिया गया। वही मोटरसाइकिल की चाबी भी छीन ली गयी। रिपोर्टर की गलती सिर्फ ये थी की उसने वैक्सीनेशन सेण्टर पर खड़े दर्जनों लोगों की परेशानी को लेकर डॉ. एजाज से सवाल पूछ लिया था। मामला ये था कि वैक्सीनेशन सेण्टर पर लोग तो काफी थे लेकिन वैक्सीन देने वाला हेल्थ स्टाफ या चिकित्सक एक भी नहीं था। घंटों इंतज़ार के बाद एक व्यक्ति आया और बोला मै ही वैक्सीन देता हूँ। दर्शन नाम बताते हुये देरी का कारण बताया वे कि प्रभारी डॉ. एजाज़ का काम करने गए थे और पत्रकार के सामने अपनी अकड़ भी दिखानी शुरू कर दी, फिर पत्रकार ने जब प्रभारी का पक्ष लेने को लेकर अपनी इक्क्षा जाहिर की तो वह व्यक्ति प्रभारी के आवास पर जाकर पत्रकारों के बारे में बताया और प्रभारी के आदेश से पत्रकारों को साथ लेकर आवास पर गया जहां पत्रकारों को देखते ही डॉ. एजाज आपे से इस तरह बाहर हो गए जैसे लाल कपड़ा देखकर कोई सांढ़। डॉ. एजाज पूर्व में भी कुछ पत्रकारों से उलझ चुके है, जो मामला थाने तक भी पहुंचा। अस्पताल परिसर में ही एक व्यक्ति कैमरे के सामने बोला की पुलिस केस के मामले जख्म प्रतिवेदन के लिए प्रभारी ने उन्हें दर्शन से मिल लेने की बात कही। पता करने पर मालूम चला कि दर्शन ना तो सरकार द्वारा इस अस्पताल में पदस्थापित कोई कर्मचारी है और ना ही चिकित्सक। आरोप है कि डॉ. एजाज द्वारा अवैध वसूली को लेकर इस व्यक्ति को लम्बे समय से इस अस्पताल में रखा गया है। मीडिया के खबर के बाद गत दिनों जिले के अधिकारियों के आदेश से डॉ. एजाज के नेतृत्व में स्वास्थ्य कर्मचारियों की एक टीम छौड़ादानों में अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम, लैब और अल्ट्रासाउंड संचालकों के विरुद्ध छापेमारी की, लेकिन थाने में एक भी प्राथमिकी के आवेदन प्रभारी के द्वारा अभी तक नहीं दिया गया जाहिर है यह छापेमारी भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी।सभी अवैध रूप से संचालित प्रतिष्ठानों की कार्यगुजरियां बदस्तूर रूप से जारी है और इस सरहदी क्षेत्र के मासूम लोग निम- हकीमों के हांथों अपनी जानें गवाने को लेकर विवस है। शहर में रह- रहे एक- एक डीएमएलटी एवं रेडियोलाजिस्ट के नाम इलाके में दर्जनों लैब और अल्ट्रासाउंड अनस्किल्ड लोगों के माध्यम से संचालित किया जा रहा है और चिकित्सक और इन संचालकों के बीच जारी कमीशन के खेल के कारण अंततः दोहन और शोषण का शिकार वहां के लोग ही हो रहे है। आरोप है कि डॉ. एजाज कभी भी अस्पताल के कार्यालय में नहीं बैठते और अपने सरकारी आवास से ही अस्पताल का संचालन सप्ताह में दो दिन ही करते है और बाकि समय नरकटियागंज स्थित निजी क्लीनिक को देते है। ...भाग 1
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