
बेगूसराय। राजस्थान के जयपुर में चूड़ी फैक्ट्री से रेस्क्यू कर बेगूसराय बालगृह लाए गए पांच बच्चों को आवश्यक कानूनी प्रक्रिया के बाद उनके परिजनों को आज सौंप दिया गया। पुनर्वासित किए गए बच्चों में तेघड़ा थाना क्षेत्र के बरौनी पंचायत-तीन निवासी मो. अंजार का पुत्र तनवीर एवं मो. सुभान का पुत्र जियाउल, फुलवड़िया थाना क्षेत्र के बारो दक्षिण निवासी मो. अकबर का पुत्र गुलसाद, फुलवड़िया पंचायत-तीन निवासी मो. अजमत का पुत्र शादाब एवं मो. अजमत का पुत्र जमशेद है।
इस अवसर पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष संगीता कुमारी, समिति सदस्य पूजा कुमारी एवं टीएसएन समन्वयक गुलशन कुमार आदि उपस्थित थे। गुलशन कुमार ने बताया कि इन सभी बच्चों से जयपुर के चूड़ी फैक्ट्री में चूड़ी बनाने का कार्य कराया जाता था।
बच्चों से वहां 14 घंटे काम लिया जाता था और ठीक से खाना पीना नहीं देकर विभिन्न तरीकों से टॉर्चर भी किया जाता था। बेगूसराय बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष संगीता कुमारी ने बताया कि जयपुर के चूड़ी फैक्ट्रियों में बड़े पैमाने पर नाबालिक बच्चों से काम कराए जाने की सूचना मिलने के बाद जयपुर बाल कल्याण कल्याण समिति, जयपुर प्रशासन, श्रम अधीक्षक एवं अलग-अलग स्वयंसेवी संस्थाओं की टीम गठित कर चुड़ी फैक्ट्री में रेस्क्यू अभियान चलाया गया।
प्रशासन के सहयोग से स्वयंसेवी संस्था टावर ताल बसेरा, नया सवेरा, सत्य बाल आश्रम, बाल आश्रम विराटनगर, अपना घर जेकेएसएमएस आदि ने जयपुर के भट्टाबस्ती, विध्याघर नगर, जयसिंहपुरा खोर, सदर एवं शास्त्री नगर थाना क्षेत्र में चलाए गए रेस्क्यू अभियान में बिहार के 71 बच्चों को निकाला गया।
जिसमें बेगूसराय के पांच, नालंदा के 11, गया के 24, मुजफ्फरपुर के आठ, औरंगाबाद के तीन, दरभंगा के तीन, मधुबनी के पांच, सीतामढ़ी के एक, समस्तीपुर के चार, वैशाली के दो, सहरसा के एक, भागलपुर के एक एवं नवादा के तीन बच्चे थे।
रेस्क्यू कर जयपुर बाल कल्याण समिति में रखा गया तथा कई स्तर पर सत्यापन एवं कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद वहां से पटना बाल कल्याण समिति को भेज दिया गया। पटना से सभी बच्चों को बेगूसराय सहित संबंधित जिला बाल कल्याण समिति द्वारा लाया गया तथा स्थानीय स्तर पर कागजी प्रक्रिया पूरी कर अभिभावकों को सौंप दिया गया है।
Related Posts
Post Comment
राशिफल
Live Cricket
Recent News

Epaper
YouTube Channel
मौसम

Comments