
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई कर सकता है। एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील कुमुद लता दास ने जस्टिस इंदिरा बनर्जी की वेकेशन बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की।
उसके बाद कोर्ट ने चीफ जस्टिस की अनुमति मिलने पर अगले हफ्ते सुनवाई करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट में अग्निपथ योजना को लेकर तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं। एक याचिका वकील हर्ष अजय सिंह ने दायर की है।
याचिका में सरकार को इस योजना पर दोबारा विचार करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि सरकारी खजाने पर बोझ कम करने की कवायद में राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता ना हो। चार साल बाद रिटायर्ड हुए अग्निवीर बिना किसी नौकरी के गुमराह हो सकते हैं।
इसके पहले अग्निपथ योजना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो और याचिकाएं दाखिल की गई हैं। दूसरी याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर की है जबकि तीसरी याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की हैं।
मनोहर लाल शर्मा की याचिका में अग्निपथ योजना को चुनौती देते हुए कहा गया है कि ये योजना बिना संसद की मंजूरी के लाई गई है। वकील विशाल तिवारी की याचिका में अग्निपथ योजना का सेना पर होने वाले प्रभाव और उसके खिलाफ हुई हिंसा और तोड़फोड़ की जांच की मांग की गई है।
इस मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। केंद्र सरकार ने कहा है कि बिना हमारा पक्ष सुने कोई एकतरफा आदेश जारी नहीं किया जाए।
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