
पटना। मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह की कुर्सी छीन गई है। विधानसभा ने उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी है।

अनंत सिंह के घर से एके 47 और हैंड ग्रेनेड मिलने के मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद बाद विधानसभा ने गुरुवार को उनकी विधायकी समाप्त किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी।
इसके साथ ही मोकामा से पांच बार लगातार जीतने के बाद अब उनकी माननीय की कुर्सी छीन गई है।
जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-8 और संविधान के अनुच्छेद 191 (1) (ई) के प्रावधानों के तहत अनंत सिंह को कनविक्शन की तिथि 21 जून के प्रभाव से बिहार विधान सभा की सदस्यता से निरर्हित किया जाता है।
विधायक अनंत सिंह को आर्म्स एक्ट के मामले में कोर्ट ने 14 जून 2022 को ही उन्हें दोषी करार दिया था। अनंत सिंह को कनविक्शन की तिथि 21 जून के प्रभाव से बिहार विधान सभा की सदस्यता से निरर्हित किया गया है।
आर्म्स एक्ट के मामले में कोर्ट ने 14 जून को ही उन्हें दोषी करार दिया था। फिर 21 जून को एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने 10 साल की सजा सुनाई। चूंकि 2 साल या उससे ऊपर की सजा मिलने के बाद सदस्यता जानी तय है। ऐसे में विधानसभा ने सजा की तिथि 21 जून 2022 से ही सदस्यता छिने जाने की जानकारी दी।
बीते कल यानि गुरुवार को बाहुबली विधायक अनंत सिंह को उनके सरकारी आवास परिसर से वर्ष 2015 में इंसास राइफल की मैगजीन और बुलेट प्रूफ जैकेट की बरामदगी के मामले में दोषी पाया गया।
सांसदों और विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए गठित पटना सिविल कोर्ट स्थित विशेष अदालत के न्यायाधीश त्रिलोकी दुबे ने मामले में सुनवाई के बाद गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए विधायक अनंत सिंह को आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं में दोषी करार दिया। सजा के बिंदु पर सुनवाई 21 जुलाई 2022 को होगी।
अनंत सिंह की विधायकी जाने से राष्ट्रीय जनता दल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कुछ दिनों पहले ही आईएमआईएम के चार विधायकों को राजद में शामिल कराकर बिहार की सबसे बड़ी पार्टी का दम रखने वाले राजद में अनंत सिंह की विधायिकी छिन जाने से अब विधायकों की संख्या एक कम हो गयी है।
अब राजद की विधायकों की संख्या 79 हो गई है। एआईएमआईएम के चार विधायकों को राजद मे शामिल हो जाने से राजद विधायकों की संख्या 76 से 80 हुई थी, लेकिन सजायाफ्ता अनंत सिंह की सदस्यता जाते ही एक पखवारे में ही विधानसभा में राजद की संख्या कम हो गई है। इसके बाद भी राजद सबसे बड़ी पार्टी है।
वर्ष 2005 मार्च में अनंत सिंह ने अपने भाई दिलीप सिंह की सीट मोकामा से निर्दलीय जीती। फिर वर्ष 2005 नवंबर और 2010 में जदयू से जीते। 2015 में निर्दलीय और 2020 में राजद उम्मीदवार के रुप में लड़कर लगातार 5वीं बार जीत दर्ज की। इस जीत के बाद मोकामा में उनकी तुती बोलने लगी।
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