सर्वे: यूरोप, अमेरिका और चीन में मंदी की आशंका, भारत को खतरा नहीं

 सर्वे: यूरोप, अमेरिका और चीन में मंदी की आशंका, भारत को खतरा नहीं

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वाशिंगटन। श्रीलंका के आर्थिक संकट से उत्पन्न भयावह स्थितियां पूरी दुनिया देख ही रही है, लेकिन अब यूरोपीय देशों के साथ अमेरिका व चीन जैसे देशों में मंदी की आशंका जताई गई है।

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दुनिया भर के अर्थशास्त्रियों के बीच ब्लूमबर्ग ने एक सर्वे के बाद बड़े देशों में मंदी की आशंका के साथ भारत को ऐसा खतरा न होने की बात कही है।

 

सर्वे के मुताबिक अर्थशास्त्रियों का मानना है कि महंगाई पर काबू पाने के लिए दुनिया के केंद्रीय बैंक ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं।

 

अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों की तरह न्यूजीलैंड, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया एवं फिलीपीन्स के केंद्रीय बैंक लगातार बढ़ रही महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं। इससे मंदी की आशंका बढ़ गई है।

 

इस दौर में सर्वाधिक संकट यूरोप और अमेरिका के बाजार पर है। यूरोपीय देशों में मंदी की आशंका 55 प्रतिशत बताई गयी है, वहीं अमेरिका में मंदी की आशंका का आंकलन 40 प्रतिशत संभावना के रूप में हुआ है।

 

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि एशियाई देशों की अर्थव्यवस्थाएं यूरोप व अमेरिका के स्थान पर ज्यादा लचीली नजर आ रही हैं।

 

ऐसे में एशियाई देशों के मंदी में घिरने की आशंका 20 से 25 प्रतिशत के बीच आंकी गयी है। इसमें भी भारत के सामने मंदी का खतरा न होने की बात कही गयी। चीन पर भी मंदी का खतरा मंडरा रहा है, किन्तु 20 प्रतिशत आशंका के साथ यह खतरा अमेरिका व यूरोपीय देशों से काफी कम है।

 

सर्वे में दावा किया गया है कि श्रीलंका इस संकट से सबसे बुरी तरह प्रभावित होगा। साल के अंत में या अगले साल तक इस बात की 85 प्रतिशत आशंका है कि श्रीलंका बुरी तरह मंदी से जूझ रहा होगा।

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