छपरा। जहरीली शराब पीने से मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। बुधवार की रात से शुरू जहरीली शराब पीने से मौतों का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा।
तीन दिनों में 9 लोगों ने दम तोड़ दिया। जबकि, 37 लोगों की हालत गंभीर है। वे सभी इलाजरत हैं। बताया जाता है कि अस्पताल में भर्ती 14 लोगों की आंखों की रौशनी चली गई है।
मामले में पुलिस ने एक शराब तस्कर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। मृतक में मकेर थाना क्षेत्र के फुलवरिया पंचायत स्थित भाथा नोनिया टोली के बताए जा रहें। नौ में से छह लोगों की मौत पटना मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में हो गई।
जबकि, तीन की मौत छपरा में हुई। इधर, जहरीली शराब ने 14 लोगों की आंखों की रोशनी छीन ली। घटना के बाद प्रशासनिक महकमा में हड़कंप मच गया है।
घटना के बाद भाथा गांव में डीएम राजेश मीणा और पुलिस कप्तान संतोष कुमार पहुंचकर मामले की पड़ताल की है। परिजन व इलाजरत लोगों की मानें, तो जहरीली शराब का सेवन करने से यह स्थिति बनी है।
बताया जाता है कि मकेर थाना क्षेत्र के भाथा नोनिया टोली के दर्जनों लोगों ने एक साथ बुधवार की रात और गुरुवार के सुबह देसी शराब पी। सभी लोगों की तबीयत बिगड़ गई।
स्वास्थ्य विभाग कैंप लगाकर गांव के लोगों का इलाज किया। गंभीर हालत वाले मरीजों को इलाज छपरा सदर अस्पताल, पटना मेडिकल कॉलेज (पीएमसीएच) और निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान नौ लोगों की मौत हो गई।
जिन 14 लोगों की आंख की रोशनी गई है, वे चीख-चीखकर बोल रहे है कि हमें नहीं पता था कि हमने जहरीली शराब पी है। पहले भी पीते थे, मगर बीमार नहीं पड़े थे।
पीने के बाद घर जाने के बाद उल्टियां होने लगी और आंख से कम दिखने लगा। डीएम और एसपी ने कहा है कि प्रथम दृष्टया स्पष्ट हो रहा है कि जहरीली शराब पीने से मौत हुई है।
मृतकों में चन्दन महतो (28 वर्ष), कमल महतो (45 वर्ष), ओमनाथ महतो (28 वर्ष), चंदेश्वर महतो (60 वर्ष), राजनाथ महतो (45 वर्ष), शकलदीप महतो (50 वर्ष), धनिलाल महतो (55 वर्ष), चंदेश्वर महतो (60 वर्ष) एवं विश्वनाथ महतो (65 वर्ष) बताए जाते हैं।
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