नगर निगम चुनाव : भाजपा विधायक का “चुमावन” चर्चे में, “किंग मेकर” के मतों में सेंधमारी
प्रत्याशियों के समर्थन के मामले में भाजपा विधायक सचिन्द्र सिंह और पवन जयसवाल भी आमने सामने
सागर सूरज
मोतिहारी : नगर निगम चुनाव प्रचार अपने शबाब पर है| वोटिंग में महज तीन दिन बाकी है| सारे प्रत्याशी अपने सभी तरह के तोड़- जोड़ में लगे हुए है | नेता रूपी सपनों के सौदागर सपनों के नये- नये इद्रधनुष बांटते नजर आ रहे है | इसी बीच वोटों के जातीय ठिकेदार भी खासे सक्रिय हो गए है| बैठकों के माध्यम से अपने-अपने प्रत्याशियों के पक्ष में फतवा जारी करते नजर आ रहे है|
इधर प्रत्याशियों के समर्थित राजनीतिक पार्टियों में जम कर भितरघात की भी खबरें आ रही है| ढाका विधायक पवन जयसवाल की “चुमावन” रूपी अभियान भी खासे चर्चे में है, ऐसे में भाजपा के ही नेता भाजपा से जुड़े एक तथाकथित “किंग मेकर’ और नरेन्द्र मोदी सरकार के एक पूर्व केंद्रीयमंत्री के इज्ज़त को सरेआम नीलाम करने के लिए लगातार मोतिहारी में कैंप कर रहे है, ताकि वे किंग मेकर यानि बड़े नेता साहब के द्वारा समर्थित प्रत्याशी को चुनाव हरवा सके|
जयसवाल के करीबियों पर अगर भरोसा किया जाए तो नगर परिषद के चुनाव में उक्त भाजपा नेता सह किंग मेकर के द्वारा पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष प्रियंका जयसवाल यानि पवन जयसवाल की पत्नी का जमकर विरोध किया था ऐसे में उसी “नेवता का “चुमावन” विधायक के द्वारा करने की बात कही जा रही है |
या यूँ कहे कि भाजपा के अन्दर जिले के “किंग मेकर“ के बुरे दिन चल रहे है | पार्टी के लोग ही इस बड़े नेता के विरुद्ध मुखर होते नजर आ रहे है, ऐसे में उनके द्वारा समर्थित मेयर उप मेयर को इसका परिणाम झेलना पड़ सकता है | जानकारों की माने तो जिले की भाजपा की एक सांसद महोदया, एक अन्य बैश्य जाती से आने वाले भाजपा विधायक भी उक्त किंग मेकर के बगिया में आग लगाने को आतुर दिख रहे है और खुले रूप से अपने ही बड़े नेता का विरोध कर रहे है |
इधर छतौनी स्थित एक स्थान पर राजपूत महासभा नामक एक ख़ास जाती की संस्था की बैठक और बैठक में एक मेयर प्रत्याशी को समर्थन देने का तथाकथित “फतवा” भी खासे विवादों में आ गया है | ब्राह्मण महा सभा की बैठक जारी है |हालाँकि, छात्र नेता आकाश कुमार राठौड़ जैसे कई लोग इस कथित फतवे का खुलेआम विरोध भी कर रहे है|
भाजपा का अपना वोट बैंक का कुनबा मोतिहारी नगर निगम चुनाव में बिखरता नजर आ रहा है | कायस्थ मतों को अगर नजर अंदाज कर दी जाए तो वैश्य की हालत ये है की इस दिल के टुकडे हजार हुए कुछ यहाँ गिरा कुछ वहाँ गिरा | कायस्थ में एक- दो प्रत्याशी और मैदान में हैं, जो मतों को प्रभावित करते नहीं दिख रहे है, फिर भी जो भी काटेंगे सभी भाजपा समर्थित प्रत्याशी का ही मत प्रभावित करेंगे |
मोतिहारी और इसके आस- पास के गांवों में बैश्य और भूमिहार जाती बाहुल्य है, ऐसे में भूमिहार जाति के प्रत्याशी विनय सिंह मतों को प्रभावित करते नजर आ रहे है | बैश्य मतों में भोला गुप्ता की पत्नी अंजू देवी और प्रीति गुप्ता के बंटवारे से इनकार नहीं किया जा सकता | अन्य जातियों में सभी लोग बंटवारा करते दिख रहे है | अंजू गुप्ता अपने तरीके से वोटों को प्रभावित करती नजर आ रही है | राजपूत जाति की संस्था ने तो फतवा ही जारी कर दिया है | ब्रावो फार्म के चेयरमैंन राकेश पाण्डेय और उनके नेतृत्व में ब्राह्मणों व युवाओं की एक टीम को पहले ही “किंग मेकर” के कब्र को खोदने में लगे होने की बात कही जा रही है | भाजपा एमएलसी बबलू गुप्ता को भी गत एमएलसी चुनाव में किंग मेकर के कथित बेवफाई का “चुमावन” करना है और वे लग भी गए है | ये सभी जातियां भाजपा के परम्परागत वोट बैंक कही जाती रही है | इसके बावजूद भी कथित भाजपा समर्थित प्रत्याशी अगर चुनाव जीत जाते है तो यही समझा जायेगा मोदी भक्ति असर कर गयी | ये अलग बात है कि यह चुनाव पार्टी आधारित नहीं है, फिर भी बड़े नेता के द्वारा घोषित प्रत्याशियों का विरोध पार्टी में ही शुरू हो गयी है |
बावजूद इसके, इन बचे हुए तीन दिनों में कौन प्रत्याशी क्या गुल खिलाएगा और ऊंट किस करवट को बैठेगा ये कहा नहीं जा सकता |
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