डूमरियाघाट थाने का हाजत बना 'Extortion' होम
चालक को 36 घन्टे बंद कर वसूली करने का लगा आरोप
सागर सूरज
मोतिहारी : आईपीएस कन्तेश कुमार मिश्रा के बेहतर पुलिसिंग के प्रयासों में जिले के कई थानाध्यक्ष लगातार पलीता लगाते नजर आ रहे है | वैसे इस जिले के कुछ पुलिस अधिकारियों पर किसी भी निर्दोष को पकड़ कर थाने में लाना और अवैध तरीके से तीन से चार दिन तक लॉकअप में बंद कर पैसे ऐठने के आरोप तो लगते रहे है |
अब डुमरियाघाट थाना प्रभारी राकेश राय पर आरोप लगा है कि इन्होने अरेराज से पटना जा रही एक बस के दवारा बच्चियों को ठोकर मारने के मामले में गिरफ्तार चालक को ना केवल 36 घन्टे तक अवैध रूप से लॉकअप में बंद रखा, बल्कि लॉकअप में मोबाइल फोन देकर घरवालों को बुलवाया और पीड़ित पक्ष पर दबाब बनवाकर ना प्राथमिकी दर्ज की और ना ही बस को ही जप्त किया बल्कि चालक और बस दोनों को छोड़ दिया |
आरोप तो ये भी है कि इसके बदले बस के मालिक और चालक से जबरदस्त वसूली की गयी | इस मामले में “इलेगल कांफैन्मेंट” व भयादोहन सहित कई तरह के आरोपों से घिरे थानाध्यक्ष राजेश कुमार राय से जब आरोपों के बारे में बार बार पूछा गया तो वे ना इनकार कर सके और ना ही स्वीकार कर सके | उनके व्यान घटना में उनकी संलिफ्ता की मौन स्वीकृति की तरह दिखी |
आरोप है कि मामलों को अपने रफ्फा –दफ्फा करने के परम्परा का निर्वाह करते हुए थानाध्यक्ष इन बातों की स्वीकृति भी वरीय अधिकारियों से नहीं ली | उनके पदों के दुरूपयोग की इस गन्दी कहानी को थाने में लगे सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है |
बताया गया कि घटना 12 जनवरी की है जब डूमरियाघाट थाना से तक़रीबन 2 किलोमीटर दूर हुसेनी स्थित पोखरा चौक के पास हरहर महादेव बस ने कोचिंग जा रही दो बच्ची को तब ठोकर मार दी, जब सामने से आ रही एक ट्रक से बस टकराते-टकराते बची, जिसमे एक के पैर टुटा तो दुसरे का सर फूट गया | जख्मी बच्चियों का नाम मंगलपुर की ख़ुशी कुमारी और खिजिरपुरा की अंजलि कुमारी एवं अन्य बताई जाती है | घटना के बाद सड़क जाम भी हुआ |
चालक मुजफ्फरपुर के सरैया थाना के दातापुर गांव के शैलेन्द्र द्विवेदी बनाए जाते है |
सनद रहे कि डुमरिया घाट थानाध्यक्ष राकेश कुमार राय इन दिनों सरोतर झील में विदेशी पंक्षियों का शिकार करवाने, झील के भीतर शराब कारोबारियों को पनाह देने साथ ही उत्तर प्रदेश से आने वाली शराबों की बड़ी खेपों को “सेफ विंडो” देने के आरोप भी झेल रहे है | इन आरोपों में कितनी सच्चाई है ये तो जाँच के बाद ही पता चलेगा |
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