जिला कृषि पदाधिकारी सहित कई अधिकारी निगरानी के “रडार” पर

जिला कृषि पदाधिकारी सहित कई अधिकारी निगरानी के “रडार” पर

स्पेशल निगरानी न्यायालय में कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू, करोड़ों की सम्पति अर्जित करने का आरोप

Reported By SAGAR SURAJ
Updated By RAKESH KUMAR
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चंद्रदेव प्रसाद मधेपुरा के सिंकेश्वर प्रखंड में 10 साल तक प्रखंड विकास पदाधिकारी के पद पर कार्यरत थे, तब भी विवादों में रहे, उसके बाद मधेपुरा में ही जिला कृषि पदाधिकारी के पद पर आसीन हुए। उसके बाद समस्तीपुर में एक साल तक जिला कृषि पदाधिकारी रहे उसके बाद कटिहार में 10 वर्षों तक जिला कृषि पदाधिकारी रहे और अब मोतिहारी में इसी पद पर काबिज है।

सागर सूरज

मोतिहारी: कृषि विभाग सहित जिले के कई विभागों के अधिकारी आय से अधिक मामले में विशेष निगरानी के निशाने पर है | जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रदेव प्रसाद पर विशेष निगरानी के न्यायालय एवं कृषि विभाग के अपने निगरानी न्यायालय दोनों में ही कार्रवाई की शुरू कर दी गयी है |

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विशेष निगरानी के विशेष कार्य पदाधिकारी अरुण कुमार ठाकुर ने दो अलगअलग मामले में संज्ञान लेते हुए जिला कृषि पदाधिकारी के उत्तर प्रदेश से लेकर पटना में अर्जित सम्पति के ब्योरों की जांच शुरू कर दी है, वही आवेदक संजीव रंजन ठाकुर और एक अलग मामले के आवेदक भाग्नारायण चौधरी के शपथ पत्रों को उनका ब्यान मानते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है |

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विजिलेंस को आवेदकों ने आरोप लगाया है कि मोतिहारी जिला कृषि पदाधिकारी बिहार के कई स्थानों पर प्रखंड विकास पदाधिकारी से लेकर जिला कृषि पदाधिकारी तक के सफ़र में चंद्रदेव प्रसाद अपनी पत्नी, पुत्र और रिश्तेदारों के नाम से अकूत कमाई की है, वही 2020 से मोतिहारी के जिला कृषि पदाधिकारी के रूप में किसानों के लिए मिलने वाले विभिन्य सब-सिडी एवं अन्य योजनाओं के मामले में मिलने वाली राशी का खूब वारान्यारा हुआ और आरोप है कि करोड़ों रूपये अर्जित किए गए |

उल्लेखनीय है कि मोतिहारी के जिला कृषि पदाधिकारी के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने अपने सेवा काल में अकूत संपत्ति अर्जित की है। पटना से लेकर उत्तरप्रदेश के कई शहरों में पत्नी और अपने नाम पर जमीन की खरीद की है, साथ ही रिश्तेदारों के नाम से भी जमीन की खरीद की गई है| कृषि विभाग को जो ब्यौरा दिया गया है, उसमें पत्नी के नाम पर यूपी के परारी एवं रतनपुरा में 6 बीघा जमीन, पत्नी के नाम पर ही यूपी के पडरौना में 5 कट्ठा कमर्शियल जमीन, इसी जगह पर 1929 स्क्वायर फीट कमर्शियल जमीन पत्नी के नाम पर है | इसके अलावे पटना में 2100 स्क्वायर फीट कमर्शियल जमीन खुद के नाम पर है | गोरखपुर में 311 स्क्वायर फीट कमर्शियल जमीन है | खुद और पत्नी के नाम पर करोड़ों रुपए के फिक्स्ड डिपॉजिट एवं करोड़ों रुपए के सोने चांदी के गहने हैं।

यही नहीं, जिला कृषि पदाधिकारी के विरुद्ध कृषि विभाग से शिकायत की गई थी,कृषि सचिव के आदेश पर जांच के आदेश दिये गए थे । 1 नवंबर 2022 को कृषि विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी सुनील कुमार झा ने मुजफ्फरपुर के संयुक्त निदेशक को पत्र लिखा था | पत्र में कहा गया था, कि चंद्रदेव प्रसाद जिला कृषि पदाधिकारी पूर्वी चंपारण के खिलाफ अवैध ढंग से आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत की गई है | ऐसे में परिवादी के प्राप्त आवेदन और सबूत के आधार पर दूसरे पक्ष को सुनवाई का अवसर देते हुए मामले की जांच कर जांच प्रतिवेदन 1 माह के अंदर उपलब्ध कराएं ।

इधर घटना को लेकर कृषि विभाग में हडकंप मचा हुआ है | कृषि प्रदाधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से परहेज़ कर रहे है |

सनद रहे कि चंद्रदेव प्रसाद मधेपुरा के सिंकेश्वर प्रखंड में 10 साल तक प्रखंड विकास पदाधिकारी के पद पर कार्यरत थे, तब भी विवादों में रहे, उसके बाद मधेपुरा में ही जिला कृषि पदाधिकारी के पद पर आसीन हुए | उसके बाद समस्तीपुर में एक साल तक जिला कृषि पदाधिकारी रहे उसके बाद कटिहार में 10 वर्षों तक जिला कृषि पदाधिकारी रहे और अब मोतिहारी में इसी पद पर काबिज है |

 

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