बीएनएम इम्पैक्ट: डूमरिया घाट थाने के थानाध्यक्ष के विरुद्ध जांच शूरू, विभागीय गाज़ गिरनी तय

बीएनएम इम्पैक्ट: डूमरिया घाट थाने के थानाध्यक्ष के विरुद्ध जांच शूरू, विभागीय गाज़ गिरनी तय

थानाध्यक्ष पर लगा फिर आरोप, पुलिस की उपस्थिति में जब्त सिलेंडर गायब

Reported By SAGAR SURAJ
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थाना क्षेत्र के सेम्भुआपूर पंचायत के बरहरवा खुर्द में फाइनेंस का गाड़ी जहां रखा जाता था, वही अवैध गैस कटिंग का कार्य हो रहा था | जब पुलिस को पता चला तो घटनास्थल से गैस सिलेंडर की काउंटिंग करा कर कुछ पुलिसकर्मी को वही पर ड्यूटी लगा दिया गया था, ताकि पुलिस सिलेंडर आदि की देख रेख कर सकें, लेकिन रात में जो सिलेंडर और सील रेपर था, वो भी गायब हो गया ।

सागर सूरज

मोतिहारी : डूमरिया घाट थाने के थानाध्यक्ष राकेश कुमार राय पर भी पुलिस अधीक्षक कन्तेश कुमार मिश्रा के कार्रवाई की गाज गिर सकती है | बीएनएम ने गत दिनों डूमरिया घाट थाना हाज़त बना ‘एक्सटोर्सन होम’ शीर्षक से एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमे एक बस चालक को 35 घन्टे तक अवैध रूप से हाजत में बंद रखने और हाजत में फोन देने और बिना प्राथमिकी दर्ज किए चालक और जप्त बस को छोड़ने के आरोप के मद्देनजर खबर प्रकाशित की थी |

मामले में खबर पर संज्ञान लेते हुए एसपी कन्तेश कुमार मिश्रा ने चकिया के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को जांच सौंपी, जिसमे त्वरित कार्रवाई करते हुए बृहस्पतिवार को गहन जांच की गयी | अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने थाने के अन्य अधिकारियों-पुलिस कर्मियों से आरोपों की सत्यता की गहन जांच की एवं पूछताछ की | 

पुलिस अनुमंडल कार्यालय के सूत्रों पर अगर भरोसा करें तो यह स्पष्ट हो चूका है कि थाना प्रभारी ख़ुद पीआर बांड पर चालक को छोड़ने का कार्य किया | साथ ही दुर्घटना के आरोपी चालक को हाजत में मोबाइल फोन दिया ताकि वो घर वालों से बात कर सके |

 

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बताया गया कि अधिकारिक व्यान जाँच रिपोर्ट एसपी को समर्पित करने के बाद दिया जायेगा, लेकिन मामले में थानाध्यक्ष पर गाज़ गिरता नजर आ रहा है |

आरोप लगा है कि इन्होने अरेराज से पटना जा रही एक बस के दवारा बच्चियों को ठोकर मारने के मामले में गिरफ्तार चालक को ना केवल 36 घन्टे तक अवैध रूप से लॉकअप में बंद रखाबल्कि लॉकअप में मोबाइल फोन देकर घरवालों को बुलवाया और पीड़ित पक्ष पर दबाब बनवाकर ना प्राथमिकी दर्ज की और ना ही बस को ही जप्त किया बल्कि चालक और बस दोनों को छोड़ दिया |

आरोप तो ये भी है कि इसके बदले बस के मालिक और चालक से जबरदस्त वसूली की गयी इस मामले में इलेगल कांफैन्मेंट व भयादोहन सहित कई तरह के आरोपों से घिरे थानाध्यक्ष राकेश कुमार राय से जब आरोपों के बारे में बार बार पूछा गया तो वे ना इनकार कर सके और ना ही स्वीकार कर सके उनके व्यान घटना में उनकी संलिफ्ता की मौन स्वीकृति की तरह दिखी |

आरोप है कि मामलों को अपने रफ्फा दफ्फा करने के परम्परा का निर्वहन करते हुए थानाध्यक्ष इन बातों की स्वीकृति भी वरीय अधिकारियों से नहीं ली उनके पदों के दुरूपयोग की इस गन्दी कहानी को थाने में लगे सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है |

बताया गया कि घटना 12 जनवरी की है जब डूमरियाघाट थाना से तक़रीबन 2 किलोमीटर दूर हुसेनी स्थित पोखरा चौक के पास हरहर महादेव बस ने कोचिंग जा रही दो बच्ची को तब ठोकर मार दीजब सामने से आ रही एक ट्रक से बस टकराते-टकराते बचीजिसमे एक के पैर टुटा तो दुसरे का सर फूट गया जख्मी बच्चियों का नाम मंगलपुर की ख़ुशी कुमारी और खिजिरपुरा की अंजलि कुमारी एवं अन्य बताई जाती है 

डूमरियाघाट थानाध्यक्ष पर लगा फिर आरोप, पुलिस की उपस्थिति में जब्त सिलेंडर गायब

 

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 डूमरियाघाट थानाध्यक्ष राकेश कुमार पर एक जाँच तो चल ही रही है, वही उनपर पुनः एक अन्य संगीन मामले में आरोप लगने लगा है |

आरोप है कि थाना क्षेत्र के सेम्भुआपूर पंचायत के बरहरवा खुर्द में फाइनेंस का गाड़ी जहां रखा जाता था, वही अवैध गैस कटिंग का कार्य हो रहा था | जब पुलिस को पता चला तो घटनास्थल से गैस सिलेंडर की काउंटिंग करा कर कुछ पुलिसकर्मी को वही पर ड्यूटी लगा दिया गया था, ताकि पुलिस सिलेंडर आदि की देख रेख कर सकें, लेकिन रात में जो सिलेंडर और सील रेपर था, वो भी गायब हो गया ।

बताया गया कि एक्साइज के टीम और स्थानीय थाना के द्वारा गैस के टैंकर से गैस काटते हुए कई सामान जप्त हुआ, जिसमें 35 और 65 सिलेंडर थे, अवैध गैस कटिंग मामले में स्थानीय लोग सम्मिलित बताये जाते है, जो थाने की मिलीभगत से इस अवैध कार्य को अंजाम देते है |

स्थानीय थाना द्वारा घटना स्थल एक चौकीदार और एक होमगार्ड को तैनात किया गया था ताकि जिले की टीम आये और जब्त सामानों को ले जाये |

लेकिन अवैध गैस पुलिस के मौजूदगी में ही निकाल लिया गया, ना ही कोई एफआईआर हुआ और ना ही कोई कार्रवाई हुई |

इन आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा, परन्तु आरोपों में अगर दम है तो थानाध्यक्ष के विरुद्ध गंभीर कार्रवाई आवश्यक है | थानाध्यक्ष से जब इसमें मुत्तलिक पूछा गया तो वे पुनः कुछ भी बोलने से इनकार कर दिये |

 

 

 

 

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