फर्जी रूप से बहाल इस लेखा पाल को क्यों बचाना चाहते है जिला कृषि पदाधिकारी ?

बहाली रद्द करने की फाइल लाल फीताशाही की हुई शिकार

फर्जी रूप से बहाल इस लेखा पाल को क्यों बचाना चाहते है जिला कृषि पदाधिकारी ?
14 जनवरी, 2023 को जिलाधिकारी ने नियोजन रद्द करने के मामले में एक बैठक की फिर भी अभी तक फर्जी रूप से बहाल लेखा पाल अपने पद पर कायम है और कृषि विभाग के “कमासुत पुत्र“ की भूमिका का बेहतर संपादन कर रहा है |

IMG-20230121-WA0184

सागर सूरज

मोतिहारी : जिले के कृषि विभाग में भ्रष्टाचारियों का इको सिस्टम निचे से ऊपर तक इतना मजबूत है कि विभाग के ‘कमासुत पुत्रों’ को अधिकारी छोड़ना ही नहीं चाहते | 2015 मे ही अवैध तरीके से बहाल कृषि विभाग का लेखा पाल प्रशांत कुमार के बहाली के मद्देनजर सभी जांचों में अवैध साबित होने के बाद भी अभी तक उसकी नियुक्ति रद्द नहीं की जा सकी है |

आरोप है कि प्रशांत कुमार ने रेगुलर सत्र में एम.कॉम की पढाई कर रहा था, उसी समय के  अनुभव प्रमाणपत्र में कुरियर कंपनी में साढ़े  पाँच घण्टे का अनुभव प्रमाणपत्र  को जमा करते हुये साथ ही बिना चार्टर अकाउंटेंट की डिग्री प्राप्त किये इस डिग्री के बल पर मेघा सूची में सबसे ऊपर आ गया |

यही नहीं प्रथम से लेकर अंतिम मेघा सूची में भी प्रशांत के उम्मीदवारी को यह कहते हुए रद्द कर दिया गया था कि अनुभव प्रमाण नियमावली के अनुसार नहीं है | लेकिन बाद में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र एवं फर्जी चार्टर्ड अकाउंटेंट की डिग्री के बल पर मेघा सूची में सबसे ऊपर आ कर अवैध तरीके से लेखा पाल जैसे महत्वपूर्ण पद पर अपनी बहाली करवाने में प्रशांत कुमार सफल रहा |

बहाली छः सदसीय कमिटी ने की थी जिसमें तत्कालीन परियोजना निदेशक आत्मा लक्षमण प्रसाद और तत्कालीन जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार बाजपाई सहित अन्य लोग थे |

IMG_20230108_204646

 

चौकाने वाला तथ्य तो ये है कि जिलाधिकारी के द्वारा उच्च स्तरीय जांच सहित तीन अलग अलग जांच में ये सारे आरोप ना केवल सही साबित हुये बल्कि कृषि निदेशक अभान्शु सी जैन ने जिलाधिकारी को फर्जी रूप से बहाल लेखा पाल प्रशांत कुमार का वेतन बंद करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश यह कहते हुए दिया कि जिलाधिकारी ही आत्मा शासी परिषद के अध्यक्ष भी है |

यह आदेश आये हुये भी लगभग एक माह हो गये परन्तु अभी तक इसका अनुपालन नहीं हो सका | हालांकि सूचना अनुसार 14 जनवरी, 2023 को इसके मुताल्लिक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में नियोजन इकाई की एक बैठक को आहूत की गयी फिर भी अभी तक फर्जी रूप से बहाल लेखा पाल अपने पद पर कायम है और कृषि विभाग के कमासुत पुत्र की भूमिका का बेहतर संपादन कर रहा है |

IMG-20230121-WA0184

सबसे रोचक तथ्य तो ये है कि गत 14 अक्टूबर, 2022 को जिलाधिकारी द्वारा गठित एक तीन सदस्यीय कमिटी ने 11 बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट देते हुये इस बहाली को फर्जी करार दिया, परन्तु कृषि विभाग के 'कमासुत' पुत्र होने के नाते जिला कृषि पदाधिकारी चन्द्र देव प्रसाद ने मामले को और लिंगर करने की नियत से उक्त रिपोर्ट में उच्च स्तरीय जांच की पैरवी कर दी | नतीजतन, पुनः जांचों में मामला फंस गया परन्तु अब जिलाधिकारी का उच्चस्तरीय जाँच भी सामने आ चुकी है और विभाग के निदेशक द्वारा कार्रवाई का आदेश भी आ गया है, परन्तु सभी रिपोर्ट अब भी फाइलों में कैद है | 

 
 
 
 
 
 

Related Posts

Post Comment

Comments

राशिफल

Live Cricket

Recent News

घरवाले रील्स नहीं बनाने देने के कारण तीन लड़कियों ने भागने का किया फैसला, वजह जानकर आप भी चौंक जायंगे घरवाले रील्स नहीं बनाने देने के कारण तीन लड़कियों ने भागने का किया फैसला, वजह जानकर आप भी चौंक जायंगे
बेगूसराय जिले के मंझौल सहायक थाना क्षेत्र के पवड़ा गांव से 31 मई से गायब तीनों नाबालिग छात्राओं को पुलिस...
#love merriage: रात में प्रेमी को प्रेमिका से मिलना पड़ा महंगा, ग्रामीणों ने रंगे हाथ पकड़ा
#Motihari News: “बीनएम इम्पैक्ट” : कृषि विभाग का अवैध रूप से बहाल लेखपाल प्रशांत चयनमुक्त
#Politics: आनंद मोहन ने भाजपा को दी सुपड़ा समेत साफ करने की चुनौती, दम है तो 24 को चुनाव जीत के बताएं
#Dowry Harassment: दहेज उत्पीड़न के कारण एक नवविवाहिता की संदिग्ध स्थिति में मौत
#Murder in patna: एक दोस्त ने दोस्त की चाकू से गोदकर की निर्मम हत्या
#Odisha Train Accident : 2009 में भी शुक्रवार को ही हादसे का शिकार हुई थी कोरोमंडल एक्सप्रेस, तब कितनी मौतें

Epaper

मौसम

NEW DELHI WEATHER