नागालैंड के “आयल बैरन” श्रीकांत जयसवाल पर चीनी मील भूमि कब्ज़ा के आरोप मामला दर्ज, कार्रवाई शुरू

नागालैंड के “आयल बैरन” श्रीकांत जयसवाल पर चीनी मील भूमि कब्ज़ा के आरोप मामला दर्ज, कार्रवाई शुरू

उच्च न्यायालय में मामला सुनवाई में फिर भी हो रहा था कब्ज़ा

Reported By SAGAR SURAJ
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जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने ‘बॉर्डर न्यूज़ मिरर’ से बात करते हुये कहा कि चीनी मील की जमीन को बेचना प्रतिबंधित है| मामले में नियमानुसार कार्रवाई के आदेश दिए गये है |

 

 

सागर सूरज

मोतिहारी: नागालैंड के आयल बैरन के नाम से प्रसिद्द एवं मोतिहारी में जमीनों के कारोबार में अपना अधिपत्य रखने वाले मेन रोड स्थित कमला प्रेस के मालिक श्रीकांत जयसवाल के ऊपर चीनी मील की जमीन को कब्ज़ा करने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी के बाद चर्चाओं का बाज़ार गर्म है |

जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने ‘बॉर्डर न्यूज़ मिरर’ से बात करते हुये कहा कि चीनी मील की जमीन को बेचना प्रतिबंधित है| मामले में नियमानुसार कार्रवाई के आदेश दिए गये है | इधर भूमि सुधार उपसमाहर्ता संजय कुमार ने कहा कि उक्त भूमि को लेकर उच्च न्यायालय में मामला विचारा

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धीन है | भूमि अंचलाधिकारी के अधीन है, उस पर किसी भी तरह की संरचना प्रतिबंधित किया गया है |

सनद रहे कि 1936 में स्थापित मोतिहारी हनुमान चीनी मील की जमीन भी अब भू-माफियाओं के हत्थे चढ़ने लगा है चीनी मील 2002 में किसानों के करोड़ों रूपये बकाया रखते हुये बंद हो गयी थी उम्मीद थी कि मील के अरबों रूपये के सम्पति से किसानों और कर्मियों के बकाये रूपये वापस हो जायेंगे |

जिला  प्रशासन ने हवाई अड्डा स्थित चीनी मिल की एक बीघा दो कट्ठा जमीन पर चारदीवारी करते जमीन कारोबारियों को रोकते हुए कारोबारी श्रीकांत जायसवाल के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है |

थानाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि राजस्व कर्मचारी मुकेश गिरी के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है आरोपी गण चीनी मील की जमीन पर चारदीवारी कर रहे थेप्रशासन द्वारा मना करने के बाद भी रात्रि में संरचना कार्य किया जा रहा था |

इधर श्रीकांत जयसवाल के पारिवारिक सूत्रों कि माने तो सन 2012 में तक़रीबन करोड़ की राशि बिरला परिवार के सदस्य विमल कुमार नोपानी को दिया गया था और उसका एक अनुबंध पत्र भी तैयार करवाया गया था |

आरोप है कि श्रीकांत जयसवाल अपने आदमी हरिलाल प्रसाद के दवारा उक्त भूमि पर चाहरदिवारी का कार्य करवा रहे थे | जमीन पर बड़ी मात्रा में बालू और ईट जमा किये गये है, साथ ही कई पिलर भी उठा लिया गया है |

बताया गया कि मोतिहारी चीनी मिल की वह जमीन बेतिया राज्य से लीज पर ली गई थी और अब लीज काल भी लगभग खत्म हो चुका है ऐसे में यह जमीन सरकार की हुई तो फिर चीनी मिल के मालिक इसे कैसे बेच सकते है।

इधर मौल और पेट्रोल पंप के साथ- साथ नागालैंड और मोतिहारी के बीच फैलाये अपने साम्राज्य को लेकर चर्चित श्रीकांत जयसवाल के साथ साथ कई भू-माफिया चीनी मील की जमीनों को खरीद विक्री में लगे हैजबकि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2017 में अपने मोतिहारी प्रवास के दरम्यान जिले के जिलाधिकारी और सम्बंधित बिहार सरकार के मंत्री को आदेश दिया था कि वे मोतिहारी चीनी मीलचकिया चीनी मील और कल्यानपुर चीनी मील के मामले का मूल्याङ्कन करें साथ ही मोतिहारी चीनी मील की सम्पत्ति का भी मूल्याङ्कन करे ताकि इसके रूपये से मील के 700 कर्मियों और तक़रीबन 10,000 किसानों के बकाएँ राशि की भुगतान की जा सके |

उल्लेखनीय है कि चीनी मील के दो कर्मी सूरज बैठा और नरेश श्रीवास्तव  ने अपने बकाया राशि के मांग को लेकर आत्मदाह तक कर लिए थे उच्च न्यायलय ने भी मोतिहारी चीनी मील की जमीन की खरीद विक्री पर रोक लगा रखी हैवावजूद इसके चीनी मील के बाइपास स्थित गेस्ट हाउस की कुछ भूमि सहित कई भूमि को बेच दिया गया और माफिया उसकी चाहर दिवारी भी करवा चुके रोक सूची में होने के वावजूद धड़ल्ले से ऐसे जमीनों की विक्री भी हो जाती है |

आरोप है कि श्रीकांत जयसवाल के कमला प्रेस की जमीन का कुछ भू-भाग भी गलत तरीके से नगर पालिका से लीज करवाया गया है, वही चाँदमारी स्थित मकान में भी कुछ गैरमजरुआ जमीन के कब्ज़ा करने की बात बताई जा रही है |  

 

 

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