
बिहार में सेना का जवान बनाम पुलिस का दबंग अधिकारी
दरोगा लाइन हाजिर और सेना का जवान गया जेल
सागर सूरज/अमलेश
मोतिहारी/रामगढ़वा : रक्सौल पुलिस द्वारा सेना के जवान के साथ सारे-आम मारपीट की घटना बिहार पुलिस के ‘पीपुल फ्रेंडली’ अभियान में एक धब्बा की तरह है | सेना के जवान और पुलिस के बीच हुये हल्की नोक- झोंक के बाद सडकों पर रक्सौल पुलिस का जो नंगा नांच हुआ वो बिहार पुलिस को शर्मशार करने वाला था |
एक तरफ जिले के एसपी कन्तेश कुमार मिश्रा बिहार पुलिस स्थापना दिवस के दिन आम लोगों और पुलिस के बीच की दूरियाँ पाटने का प्रयास कर रहे थे, वही एक बददिमाग पुलिस अधिकारी जीतेन्द्र कुमार अपने कुछ दबंग अधिकारियों के सहयोग से सेना के जवान को एक छोटी सी घटना को लेकर सडकों पर दौड़ा- दौड़ा कर मार रहा था |
सेना के जवान के साथ इस तरह की अभद्रता के वायरल वीडियो के बाद एसपी ने अबिलम्ब घटना की जाँच रक्सौल अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी चन्द्र प्रकाश से करवा कर पुलिस अधिकारी जीतेन्द्र कुमार को लाइन हाजिर तो कर दिया परन्तु इसके बाद भी वीडियो देख स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है | लोगों का कहना है कि घटना में जीतेन्द्र कुमार के साथ -साथ अन्य अधिकारी भी शामिल थे जिन पर करवाई होनी चाहिए थी |
बताया गया है कि सेना का जवान तुरकौलिया थाना क्षेत्र के बेलहटी गांव का रहने वाला राधामोहन गिरी है, जिसका ससुराल रामगढ़वा थाना क्षेत्र के भटीया गांव में है। वह अपनी पत्नी और उसकी सहेलियों को मैट्रिक की परीक्षा दिलाने रक्सौल आया था। परीक्षा सेंटर पर लाने के क्रम में आर्मी जवान के गाड़ी से लक्ष्मीपुर में तैयब मियां नामक व्यक्ति को नागा रोड में चोट लग गयी। जिसके बाद सेना का जवान इलाज करवाने को लेकर भी तैयार था | तब तक पीड़ित पक्ष के द्वारा कोई भी आवेदन नही दिया गया है।
इसी बात को लेकर दरोगा जीतेन्द्र कुमार के साथ जवान की बकझक हो गयी, फिर क्या था जीतेन्द्र कुमार ने अपने अन्य साथियों को बुलाया और पिटते हुये जवान को सरे आम थाने ले गयी, जिसका वीडियो भी वायरल हो गया |
घटना इस तरह शुरू हुई कि पुलिस के गाली का जवाब जवान ने भी गाली से ही दे दिया था, फिर क्या था जीतेन्द्र कुमार और अन्य पर वर्दी के हनक तो सवार था ही | गाली का अधिकार तो महज पुलिस के पास ही है, अगर ये गाली सेना के जवान और आम लोग से इतर किसी अपराधी के लिए हो तो समझ आती है लेकिन एक अकेले जवान को पुलिस के ज्यादती का प्रतिरोध का सामना की परिणति सरे -आम पिटाई ही नहीं बल्कि जेल जाने से भी करना पड़ा |
अब सवाल है की क्या पुलिस किसी सभ्य समाज के व्यक्ति को सारे आम गाली दे सकती है, अगर हां तो यह अधिकार सरहदों पर देश की रक्षा करने वाले जवान को है या नहीं | अगर जवान ने गलती की तो जवान को जेल भेजा गया फिर उन पुलिस अधिकारियों पर भी मारपीट या कोई अन्य धारा में मामला बनता है या नहीं ? |
इधर एसपी ने कहा कि दरोगा जीतेन्द्र कुमार को लाइन हाजिर कर दिया गया है वही जवान को पुलिस अधिकारी के साथ हाथा-पाही के आरोप में करवाई की गयी है | दुर्घटना में घायल व्यक्ति के आवेदन पर भी प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है |
Related Posts
Post Comment
राशिफल
Live Cricket
Recent News

Epaper
YouTube Channel
मौसम

Comments