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CBI का दावा मनीष सिसोदिया नहीं कर रहे है जाँच में सहयोग
मनीष सिसोदिया हुये गिरफ्तार अब दिल्ली बजट पर सवालिया निशान, कैसे चलेगी अब दिल्ली सरकार?
NEW DELHI : राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि 4 मार्च को दोपहर एक बार फिर से सिसोदिया को पेश किया जाये। बता दें कि CBI ने पांच दिन की कस्टडी मांगी थी। सीबीआई का कहना है कि सिसोदिया सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं और जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं ।
दिल्ली सरकार मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद बजट सत्र को लेकर संभावित संकट को देख रही है क्योंकि सबसे ज्यादा व प्रमुख विभाग सिसोदिया के ही पास हैं। दिल्ली सरकार की वेबसाइट के मुताबिक कुल 33 विभाग हैं, जिनमें से स्वास्थ्य, शिक्षा, लोक निर्माण विभाग (PWD), सेवा, वित्त, बिजली, गृह और शहरी विकास सहित 18 विभाग सिसोदिया के पास है।
वह अन्य विभागों के प्रभारी भी हैं जो विशेष रूप से किसी मंत्री को आवंटित नहीं किए गए हैं। वहीं, आपको बता दें कि डिप्टी सीएम सिसोदिया के पास दिल्ली सरकार में शिक्षा, वित्त और गृह सहित कुल 33 में से 18 विभाग हैं।
अब इस बात का भी संकट है की दिल्ली सरकार के 7 सदस्यों वाली कैबिनेट में 6 मंत्री में से 2 गिरफ्तार हो चुके हैं।
केजरीवाल के पास सबसे बड़ा संकट ये है कि विधानसभा में दिल्ली सरकार का बजट कौन पेश करेगा? दिल्ली सरकार के बजट पेश करने की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर ही है और कुछ ही दिनों में इस वर्ष का बजट पेश करना है लेकिन अब मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद बजट की रूपरेखा तैयार करना और पेश करना दिल्ली सरकार के लिए आसान नहीं होगा।
केजरीवाल के लिए अब चुनौती दिल्ली सरकार का बजट निर्धारित तरीके से पेश करने और सिसोदिया के बदले किसी नए नेता को खोजने की है। AAP सूत्रों ने बताया कि राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत अगले वित्त वर्ष के लिए दिल्ली सरकार का बजट पेश कर सकते हैं।
सिसोदिया की गिरफ्तारी से पहले पिछले साल जून में दिल्ली के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन को गिरफ्तार किया गया था। उनकी अनुपस्थिति के बाद सीएम केजरीवाल के पास दिल्ली में अपने शासन के एजेंडे को लागू करने के लिए कोई कद्दावर चेहरा नहीं है।
शराब घोटाले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। शराब घोटाले में सीबीआई का आरोप है कि नई लिकर पॉलिसी को लागू करने में मनीष सिसोदिया, के. कविता, अभिषेक बोइनपल्ली सभी का अहम रोल था। इन सभी ने सबूत मिटाने के लिए न सिर्फ कई बार फ़ोन बदले, IMEI नम्बर और सिम कार्ड भी बदले। खुद मनीष सिसोदिया ने 7 बार मोबाइल सेट और सिम कार्ड बदले थे। ये मोबाइल फ़ोन और सिम सिसोदिया के सेक्रेटरी देवेंद्र शर्मा ने खरीदे थे, देवेंद्र से भी इससे पहले पूछताछ हो चुकी है। सीबीआई का कहना है, ये पूरा मामला प्रॉफिट मार्जिन से जुड़ा है।
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