(भाग 1) शिक्षा विभाग के अवैध व्हाट्सएप ग्रुप से होता है शिक्षकों का शोषण, अधिकारियों के चुप्पी पर सवाल

(भाग 1) शिक्षा विभाग के अवैध व्हाट्सएप ग्रुप से होता है शिक्षकों का शोषण, अधिकारियों के चुप्पी पर सवाल

Reported By SAGAR SURAJ
Updated By RAKESH KUMAR
On
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सह विद्यालय अवर निरीक्षक तारिनी कुमार दास ने इस व्हाट्सएप ग्रुप के प्रति अनभिज्ञता जाहिर करते हुए बताया कि ऐसी कोई अगर ग्रुप संचालित की जाती है तो वह अवैध मानी जाएगी और करवाई की जाएगी |

सागर सूरज

मोतिहारी: शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। बीआरसी मोतिहारी के माध्यम से जारी भ्रष्टाचार में अधिकारियों और शिक्षकों के बीच सेतु का कार्य करने वाले कुछ शिक्षक अवैध रूप से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) के समानांतर व्हाट्सएप ग्रुप चला रहे है |

 

IMG-20230320-WA0101

 

आरोप है कि इस अवैध व्हाट्सएप ग्रुप मोतिहारी प्रखंड के प्रधान शिक्षकों व प्रभारी प्रधान शिक्षकों को गुमराह करउन्हें डरा कर एसडीजी ग्रांट व एमडीएम (पीएम पोषण) संचालन के लिए जबरन अपने चहेते लोगों को भेंडर बनाया जा रहा है, साथ ही प्रधान शिक्षकों को विभिन्न वाहनों से शोषण करने का भी कार्य किया जाता है | खेलो इंडिया का किट भी उन्हीं शिक्षकों के घरों से बांटने की बात कही जा रही | और राशि के बंदरबांट किये जाने का आरोप है |

आश्चर्य तो ये है कि यह कार्य प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सदर व ग्रामीण के नाक के नीचे अंजाम दिया जा रहा है और अधिकारी मूकदर्शक बने बैठे हैं। ऐसा प्रतीत होता है अधिकारी अपनी मौन समर्थन के साथ इस अवैध ग्रुप के संचालन होने दे रहे है ताकि ये विवादास्पद शिक्षकों की एक टीम सरकारी योजनाओं में अपनी उगाही जारी रखे और उसका लाभ भी अधिकारियों तक पहुंचाते रहे |

उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले तत्कालीन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (ग्रामीण) तारिणी कुमार दास व शिक्षक राजीव कुमार सिंह के बीच एसडीजी ग्रांट की राशि को बंदरबांट करने के संबंध में एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिससे यह स्पष्ट है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी इन शिक्षकों और किरानियों के माध्यम से भ्रष्टाचार में लिप्त है ।

बता दें कि चंपारण जिले के शिक्षा विभाग के द्वारा एचएम मोतिहारी डिपार्टमेंटल के नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है जिसमें कुल 218 मेंबर है, जिसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी भी एक मेंबर है लेकिन उनको एडमिन नहीं बनाया गया। इस ग्रुप में कुल 16 एडमिन बनाए गए हैं, जिसमें सदर व ग्रामीण बीईओडाटा ऑपरेटरक्लर्क रवि पाठकडीडीओ पार्वती कुमारीएमडीएम प्रभारी के अलावे चंद्रशेखर नामक एक शिक्षक को भी एडमिन बनाया गया है, जिनपर आरोप है कि वे लंबे समय से बीआरसी मोतिहारी में रहकर अवैध उगाही का कार्य करते रहें हैं।

यही नहीं राजीव सिंह भी इस ग्रुप में एक मेंबर के रूप में है जबकि वह ना तो प्रभारी है नहीं प्रधान शिक्षक। इतना ही नहीं शिक्षा विभाग के द्वारा पिछले साल ही बीआरपी के पद को समाप्त कर दिया गया, बावजूद इसके कुछ बीआरपी अभी भी इस ग्रुप के सदस्य बने हुए हैं, जो इस ग्रुप में सूचनाओं का आदान-प्रदान लगातार करते रहते हैं।

शिक्षकों ने नाम ना बताने के शर्त पर कहा कि इन लोगों के द्वारा सूचनाओं के आदान प्रदान करने से प्रधान शिक्षकों में भ्रम की स्थिति रहती है और उन्हें आसानी से गुमराह कर अवैध वसूली को अंजाम दिया जाता हैं। जबकि बाकी प्रधान शिक्षकों को इसमें कुछ भी डालने की अनुमति नहीं हैंबड़ा सवाल है कि आखिर इतनी मेहरबानी कुछ खास लोगों पर क्यों। इतना ही नहीं चंद्रशेखर कुमार नामक शिक्षक ने भी ‘न्यू एचएम ग्रुप’ मोतिहारी बीआरसी नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बना रखा हैं, जिसमें कुल 185 मेंबर हैं और दो एडमिन है जिसमें एक चंद्रशेखर कुमार और दूसरे एमडीएम प्रभारी सच्चिदानंद प्रसाद सिंह है आखिर इस ग्रुप को बनाने की आवश्यकता क्या है?

 

चंद्रशेखर के बारे में तो यह भी बताया गया कि बीआरसी अवैध रूप से काबिज होकर शिक्षकों का अनुपस्थिति विवरणी जमा करते है उन्हें अपने स्कूल में कार्य करना चाहिय | जबकि किसी भी तरह के प्रतिनियोजन पर प्रधान सचिव द्वारा रोक लगाया गया है |

 

 

Related Posts

Post Comment

Comments

राशिफल

Live Cricket

Recent News

Epaper

मौसम

NEW DELHI WEATHER