नीतीश कुमार को जातीय जनगणना पर होने वाली सुनवाई पर हाईकोर्ट से मिला झटका
अब अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी
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नीतीश कुमार को हाईकोर्ट से जातीय जनगणना पर जल्द सुनवाई की मांग को पटना हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. सरकार ने हाईकोर्ट से अर्जी लगाई थी की जातीय जनगणना की मांग को जल सुनवाई किया जाए. लेकिन अब इस मामले की सुनवाई 3 जुलाई को होगी.
जातीय जनगणना के लिए पटना हाईकोर्ट में सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल पीके शाही ने इस पर जल्दी सुनवाई करने की गुहार लगाई थी. उन्होंने कहा कि जाति जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण की जल्द सुनवाई हो सके.
आपको बता दें कि पिछले गुरुवार 4 मई को पटना हाईकोर्ट ने जातिगत आधारित जनगणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी. आगे हाईकोर्ट ने कहा कि अब तक जो भी डाटा कलेक्ट हुआ है, उसे नष्ट नहीं किया जाए उसे सुरक्षित रखा जाए. जातिगत जनगणना के लिए कोर्ट ने 3 जुलाई की तारीख फिक्स की थी. लेकिन इस मामले में जल्दी सुनवाई के लिए बिहार सरकार के द्वारा अर्जी लगाई थी, जिसको अर्जी को पटना हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया.
80% जातिगत जनगणना का काम पूरा
रिपोर्ट के मुताबिक जातिगत जनगणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण का काम लगभग 80% तक पूरा कर लिया गया है. लेकिन उसे 100% करने के लिए और समय की जरूरत है. सरकार के द्वारा आगे बताया गया कि जातिगत जनगणना के जितने भी ऑफलाइन काम थे लगभग करीब करीब सारे पूरे हो चुके हैं. बाकी के आंकड़े को ऑनलाइन कलेक्ट करना है. बिहार में जातिगत जनगणना 7 जनवरी से शुरू हुई थी और उसकी समाप्ति तिथि 15 मई को होने वाली थी. काम खत्म होने से पहले ही पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया. बिहार कैबिनेट ने इस काम के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च करने की मुहर लगी थी लेकिन इसे कानूनी रूप नहीं दिया गया है.
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