Motihari: बिहार के इस हनुमान मंदिर पर माथा टेकने से मिलती है मनोवांछित फल
कुंवारों को मिलता है मनपसंद जीवनसाथी, जाने इतिहास
महाकाव्य से लेकर आज तक चंपारण का इतिहास गौरवपूर्ण एवं महत्वपूर्ण रहा है। चंपारण में बहुत सारे दार्शनिक एवं आध्यात्मिक स्थान है। उन्हीं दार्शनिक एवं आध्यात्मिक स्थानों में से एक पूर्वी चंपारण के मुख्यालय मोतिहारी में नरसिंह बाबा का मठ स्थित है। इस मंदिर में मुख्य रूप से हनुमान जी की पूजा की जाती है| जहां पर हजारों की संख्या में लोग दिन - प्रतिदिन भगवान के दर्शन करने, पूजा पाठ एवं हवन करने के लिए आते हैं। नरसिंह बाबा मठ के अधिवक्ता मुरारी पांडे ने बताया कि अगर इस मंदिर पर कोई कुंवारा लड़का या लड़की अगर सच्चे मन से मन्नत मांगते हैं, तो उनकी कुछ ही दिनों में शादी सेट हो जाती है| उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है।
अंग्रेज भी थे बाबा के मुरीद
मठ से जुड़ी अधिवक्ता मुरारी पांडे ने बताया कि मठ के संस्थापक नरसिंह मिश्र उर्फ़ नरसिंह बाबा थे| जो पूर्वी चंपारण जिले के चकिया गांव के मूल निवासी थे। वह ओल्ड कोर्ट कैंपस में ट्रेजरी ऑफिस के अंग्रेज सरकार की गार्ड थे। गार्ड की नौकरी के दौरान भी उनका मन हमेशा भगवान के भजन कीर्तन एवं चिंतन मनन में ही लगा रहता था| नौकरी के दौरान ही उन्होंने मठ की स्थापना की थी।
चंपा का पौधा अशोक ने बदल गया
नरसिंह बाबा के नाती कहते हैं कि नरसिंह बाबा के दो शिष्य थे| जिनका नाम जगदंब सिंह एवं राम देवी सिंह थे। जब एक दिन जगदंब सिंह पौधा लगवा रहे थे की पूजा करने के लिए नरसिंह बाबा भी उसी दौरान पहुंच गए| उन्होंने जगदम सिंह से पूछा कि यह आपने क्या लगवा दिया है| इस पर उनके चेले जगदम सिंह ने बताया कि माली ने चंपा का पौधा लगा कर दिया है| वही लगाए हैं| इस बात पर नरसिंह बाबा ने कहा कि यहां अशोक का पौधा लगाना था। भविष्य में वही चंपा का पौधा अशोक के पेड़ में बदल गया।
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