
सागर सूरज
पटना: पटना मे देश के 15 राजनीतिक पार्टियों के जमावड़े के बाद ऐसा उम्मीद जताया जा रहा था की सभी पार्टियां एक जुट होकर 2024 मे भाजपा के रथ को रोकेगी, लेकिन विपक्ष के नेताओं के बीच बैठक के बहाने अपने -अपने राज्यों मे सियासत की जमीन तैयार करने के प्रयासों के मामले सामने आए है| शर्तों और अपने अपने प्रतिद्वंदीयों के प्रति नेताओं की नजारियाँ से विपक्षी नेताओं के संविधान बचाने का कथित कवायद कही न कही किसी कोने मे दबती हुई नजर आ रही है|
हालांकि बैठक खत्म होते ही आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस मे कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा कि देश हित मे उनकी पार्टी किसी भी तरह की कुर्बानी देने को तैयार है| बैठक मे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के ऑर्डिनेंस पर राज्यसभा मे समर्थन करने की अपील कांग्रेस से की तो राहुल गांधी ने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं देते हुए कहा की संसद सत्र शुरू होने के समय इसका निर्णय लिया जाएगा बाद मे आम आदमी पार्टी की तरफ कांग्रेस पर आरोप लगाया गया की कांग्रेस ऑर्डिनेंस के मुद्दे पर बहाने बना रही है|
आम आदमी पार्टी के अरबिन्द केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भंगवातमान दोनों ही प्रेस कनफेरेन्स मे भाग नहीं लिए| बैठक मे अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली और पंजाब मे काँग्रेस को प्रत्याशी नहीं खड़े करने की भी बात कही, लेकिन इसको भी बाद मे निर्णय करने की बात कहते हुए टाल दी गई|
उधर जम्मू और कश्मीर से आए उमर अब्दुल्लाह ने शर्त रखी की अगर 370 के मामले मे विपक्ष अगर एक जुट हो तभी कश्मीर की पार्टियां विपक्षी एकता को सपोर्ट करेगी| ममता बनर्जी ने भी कहा बंगाल मे कांग्रेस की स्थिति सही नहीं है| उनका इशारा कांग्रेस के संसदीय दल के नेता अधीर रंजन की तरफ था, जो लगातार ममता बनर्जी के विरुद्ध धरना पर बैठे है|
हालांकि पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राहुल गांधी, ममता बनर्जी सहित सभी नेताओं ने कहा कि हम एक है और एक साथ 2024 की चुनाव लड़ेंगे| नेताओं की अगली बैठक 12 जुलाई को मलिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता मे होगी, जिसमे राज्यों के एजेंडे के आधार पर सीटों पर निर्णय किया जाएगा| इधर कयास ये भी लगाए जा रहे है की ममता बनर्जी बंगाल मे कम्युनिस्ट पार्टी एवं काँग्रेस को लेकर सीटों की बंटवारे मे शर्त रखेगी उधर अखिलेश यादव का भी उतर प्रदेश को लेकर कई शर्त सामने या सकते है| ऐसे मे आगामी बैठक को अंतिम बैठक माना जा रहा है| अगर सहमति बन गई तभी जाकर 2024 मे नरेंद्र मोदी के रथ को प्रभावित किया जा सकता है, नहीं तो जैसा की अमित सह कह रहे है आगामी चुनाव मे 300 से ऊपर सीट लेकर भाजपा फिर से सरकार बनाने जा रही है|
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