#Honour Killing: चंबल में प्रेम कहानी की वेब सीरीज जैसी मर्डर मिस्ट्री
4 दिन सर्चिंग के बाद भी नहीं मिला प्रेमी का शव, प्रेमिका की तलाश में यूपी गई पुलिस

शिवानी की उम्र 18 साल । राधेश्याम की उम्र 21 साल। दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे। शादी करने के लिए घर से भागे । दोनों परिवारों में टशन चला। आगे क्या हुआ, गुत्थी उलझती ही जा रही है। चंबल इलाके में पिछले पांच-छह दिनों से इन दोनों की ऑनर किलिंग को लेकर हर दिन नई स्क्रिप्ट सामने आ रही है। पहले दिन शिवानी तोमर के पिता ने दोनों की हत्या कर चंबल में शव फेंकने की बात कही। फिर दूसरे सामने आ रही है। पहले दिन शिवानी तोमर के पिता ने दोनों की हत्या कर चंबल में शव फेंकने की बात कही। फिर दूसरे दिन बयान से पलट गए। कहा- दोनों का मर्डर कर चंबल के अलग-अलग घाट से नदी में फेंका।
तीसरे दिन शिवानी का भाई सामने आया, उसने पहले और दूसरे दिन की स्क्रिप्ट को गलत बताया। कहा- सिर्फ लड़के को मारा। लड़की कहां है ये पता नहीं। जहां-जहां लोकेशन बताई गई वहां-वहां एसडीईआरएफ ने सर्च ऑपरेशन चलाया। एसडीईआरएफ ने इसे सबसे कन्फ्यूजिंग ऑपरेशन बताया। बार-बार लोकेशन बदलने से किसी का शव नहीं मिला। अब प्रेमिका की तलाश में पुलिस गाजियाबाद पहुंची है।
इस गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस ने शिवानी के 6 रिश्तेदारों को हिरासत में लिया है। 6 दिन बाद भी मिस्ट्री जस की तस बनी हुई है। अब तक केस दर्ज नहीं हुआ है। पुलिस की जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है।
ट्रॉली में दुपट्टा मिला
सूत्रों की मानें तो प्रेमी राधेश्याम की हत्या हो चुकी है। कुछ लोगों ने ट्रैक्टर की ट्रॉली में राधेश्याम का शव देखने की बात कही है। ट्रॉली में ही शिवानी का दुपट्टा भी मिला है। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि दोनों को पकड़ने के बाद शिवानी के पिता ने अपनी बेटी को बचा लिया। उसे किसी रिश्तेदार के घर भेज दिया है। उसके प्रेमी को मार डाला।
घनश्याम सिंह तोमर, राधेश्याम का बड़ा भाई का बयान
जब शिवानी और राधेश्याम पहली बार 6 मई को भागे थे, तब इटावा के लखना गांव से पुलिस लेकर आई थी। 1 जून को शिवानी तोमर के पिता राजपाल तोमर ने फोन कर धमकाया था। 3 जून को दोनों फिर घर से भागने के लिए निकले, लेकिन लड़की वालों ने उन्हें पकड़ लिया। इन लोगों ने मेरे भाई को मार डाला। अपनी लड़की को कहीं बाहर भेज दिया है।
एसडीआरएफ की टीम 4 दिन चंबल में करती रही सर्चिंग
एसडीईआरएफ की टीम का नेतृत्व कर रहे प्लाटून कमांडर सौरभ त्रिपाठी का कहना है कि बार-बार लोकेशन बदले जानें की वजह अभियान में सफलता नहीं मिली है। लड़की का पिता राजपाल तोमर बार-बार लोकेशन बदल रहा है। उसने पहले रेह घाट पर शव फेंकने की बात कही थी। वहां दो दिन सर्चिंग की गई। इसके बाद लड़की के भाई और पिता ने पुलिस को बताया कि चिल्लासन देवी मंदिर के पास बेटी का शव फेंका है।
यह मंदिर रेह घाट से करीब 20 किलोमीटर दूर है। यहां भी तीसरे दिन टीम ने सर्चिंग की। जब दोनों लोकेशन पर शव नहीं मिले तो फिर चौथे दिन भी रेह घाट पर टीम ने सर्चिंग की। चार दिन तक चंबल नदी के 20 किलोमीटर के दायरे में रेस्क्यू अभियान चलाने के बाद अब पुलिस ने अभियान रोक दिया है। इस दौरान कांटा लगे जाल को नदी में चलाया गया ताकि पानी के अंदर अगर लाश है तो उसमें फंस जाए। अभी तक एसडीआरएफ के जवान पानी में नहीं उतरे हैं।
रेत का ट्रैक्टर लेकर आने-जाने के दौरान हुआ प्यार
राधेश्याम तोमर रेत का ट्रैक्टर चलाता था। वह चंबल के किनारे से ट्रैक्टर में रेत भरता और फिर उसे लेकर बाजार जाता था। इसमें उसे अच्छी खासी कमाई हो जाती थी। चंबल नदी किनारे से रेत का उठाव करने के लिए उसे रतन बसई गांव से होकर जाना पड़ता था। इसी दौरान राधेश्याम और शिवानी एक-दूसरे के करीब आए। दोनों परिवारवालों से छिपकर मिला करते थे। दोनों में किसी भी परिवार को भी नहीं पता है कि राधेश्याम और शिवानी के बीच यह सब कब से चल रहा था। राधेश्याम रतन बसई गांव में अक्सर जाया करता था। दोनों आते-जाते हुए एक-दूसरे से मिला करते थे।
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