#Murder for Love: भाई की गर्लफ्रेंड से शादी के लिए भाभी की हत्या, नौकरी और प्रॉपर्टी भी वजह

#Murder for Love: भाई की गर्लफ्रेंड से शादी के लिए भाभी की हत्या, नौकरी और प्रॉपर्टी भी वजह

देवर ने दी थी बिजनेसवुमन की सुपारी

Reported By BORDER NEWS MIRROR
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कासगंज रोड नदबाई की रहने वाली सुधा चौधरी (36) अपने बेटे अनुराग ( 17 ) के साथ स्कूटी पर जा रहे थी। तभी दो युवक बाइक पर पीछा करते हुए आए और गोली माकर सुधा चौधरी की हत्या कर दी

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भरतपुर के नदबई में शनिवार शाम बेटे के साथ बाइक पर जा रही बिजनेसवुमन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। कासगंज रोड नदबाई की रहने वाली सुधा चौधरी (36) अपने बेटे अनुराग ( 17 ) के साथ स्कूटी पर जा रहे थी।

तभी दो युवक बाइक पर पीछा करते हुए आए और गोली माकर सुधा चौधरी की हत्या कर दी। एक गोली कंधे से होती हुई हार्ट तक पहुंच गई। दूसरी गोली कमर से नीचे लगी।
भरतपुर पुलिस ने 24 घंटे में ही मर्डर मिस्ट्री सॉल्व कर ली। हत्या का आरोपी कोई और नहीं बल्कि महिला का देवर ही निकला। उनके बीच में प्रॉपर्टी और शादी को लेकर विवाद चल रहा था।
भाई की गर्लफ्रेंड (क्योंकि बिना तलाक के ये दूसरी शादी हुई थी) से शादी के लिए उसने भाभी की हत्या करा दी। पुलिस ने आरोपी देवर को गिरफ्तार कर लिया।
वहीं, शूटर की तलाश की जा रही है। मर्डर की वजह पेंशन और प्रॉपर्टी का विवाद बताया जा रहा है। BNM  ने मामले में पैरेलल इंवेस्टिगेशन किया तो कई खुलाए हुए।

15 साल से पति से अलग रह रही थी
जांच में सामने आया कि सुधा चौधरी पति पुष्पेंद्र से करीब 15 साल से अलग रह रही थी। पति ने शादी के दो साल के बाद ही उसे छोड़ दिया था। वह सीआरपीएफ में नौकरी करता था।

हालांकि, दोनों के बीच तलाक नहीं हुआ था, इसके बावजूद पुष्पेंद्र ने तीन साल पहले मथुरा निवासी सुशीला से दूसरी शादी कर ली थी। सुशीला से भी एक बेटा लांव्याश हो गया था। 27 जुलाई 2022 को एक्सीडेंट में पुष्पेंद्र की मौत हो गई।

बिना तलाक दूसरी शादी
हत्या के पीछे सबसे बड़ा विवाद नौकरी, पेंशन और प्रॉपर्टी का है। क्योंकि पुष्पेंद्र और सुधा चौधरी के बीच कोर्ट में तलाक का मुकदमा चल रहा था, लेकिन तलाक हुआ नहीं था ।
पति से अलग होने के बाद से सुधा अपने मां-बाप के पास नदबई में ही रहती थी। कई सालों तक सुधा और पुष्पेंद्र के बीच में समझौता नहीं हुआ तो पुष्पेंद्र ने दूसरी शादी कर ली। हालांकि, बिना कोर्ट से तलाक हुए ये शादी लीगल नहीं थी ।

अब पढ़िए मर्डर की वारदात को कैसे दिया अंजाम...

सुधा चौधरी (36) रोजाना की तरह से नदबई से भरतपुर बस में बैठ कर सुबह चली गई थी। दोपहर को 3.30 बजे की ब से भरतपुर से नदबई वापस लौट कर आ गई।
उसने बेटे अनुराग को फोन कर लेने के लिए बुला लिया था। दोनों स्कूटी पर घर की ओर रवाना हुए। रास्ते में उन्होंने कुछ सामान भी खरीदा था। शूटर काफी देर से उनकी स्कूटी का पीछा कर रहे थे।
कासगंज रोड पर शूटर ने उनकी स्कूटी के बराबर में अपनी बाइक की और फायरिंग की दी । सुधा को दो गोलियां लगीं। सुधा को लहूलुहान हालत में अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के वीडियो खंगाले तो दोनों युवक आते-जाते हुए दिखाई दिए। पुलिस ने भी महिला के बेटे से पूछताछ के बाद मर्डर के आरोपियों की तलाश शुरू कर दी।

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बेटे ने पहले दिन ही चाचा पर जताया था शक
अनुराग ने अपने नाना बदनसिंह निवासी सालाबाद हाथरस यूपी के साथ पहुंच कर एफआईआर रिपोर्ट में बताया कि वह मां को लेकर जा रहा था।
उसी दौरान एक काले रंग की स्प्लेंडर बाइक पर माधव पुत्र हजारी जाट निवासी बेरू का नंगला मथुरा साथ में चल रहा था। वह सुशीला के गांव का रहने वाला था।
उसके साथ पीछे बाइक पर शॉल ओढ़ कर दूसरा युवक भी था। उसने ही हथियार निकाल कर गोली मार दी थी। अनुराग का कहना था कि उसके चाचा मनोज व सुशीला ने हत्या कराई है।
क्योंकि पहले भी माधव के चचेरे भाई शिशुपाल के साथ मिलकर चाचा मनोज ने उन्हें मारने की धमकी दी थी। उसकी मां की हत्या में दादी रामदेई व बाबा के भाई गुटयारी उर्फ फत्ते का भी हाथ है।
बताया जा रहा है कि सुधा ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव भी लड़ा था। जिसमें वह भाजपा प्रत्याशी से चुनाव हार गई थी। वह जाट महासभा की यूथ विंग की अध्यक्ष भी थी। वह राजनीतिक पार्टियों में पूरी तरह से एक्टिव रहती थी।

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