
शिक्षा विभाग (भाग 1): मोतिहारी डायट को मिली प्रशिक्षण के लिए एक करोड़ की राशि, कमिशन के लिए कुकुर- झोंझ शुरू, आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला शुर
Reported By SAGAR SURAJ
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राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक को लिखे पत्र मे डायट के एक प्रोफेसर संजय कुमार ने प्रिन्सपल श्री त्रिपाठी एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के वेनडर विजय कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि संस्था मे घोटाले का विरोध करने वाले प्रोफेसर्स एवं अन्य लोगों को टेंडर धारक विजय कुमार एवं उनके गुंडे बेइज्जत कर रहे है | प्रिन्सपल के उकसावे पर विजय कुमार ने कहा कि डायट मे मेरा प्रवेश हो चुका है, कोई भी प्रोफेसर अगर मुंह खोल तो सबको लाठी से पिटेगा |
सागर सूरज
मोतिहारी : शिक्षा विभाग मे व्याप्त भ्रष्टाचार अब डायट जैसी संस्थाओं को भी चपेटे मे ले लिया है | डायट का काम शिक्षकों को प्रशिक्षित करना है | वर्तमान मे तकरीबन एक करोड़ की राशि मोतिहारी डायट को मिली है, जिससे शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के दौरान सभी तरह की व्यवस्था उपलब्ध करवानी है | इसी राशि की बंदरबाँट के आरोप संस्था के प्रिन्सपल डॉ चंद्रमौली त्रिपाठी और इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का टेन्डर लेने वाले विजय कुमार उर्फ टिनकु वर्मा पर लगाए गए है |
राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक को लिखे पत्र मे डायट के एक प्रोफेसर संजय कुमार ने प्रिन्सपल श्री त्रिपाठी एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के वेनडर विजय कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि संस्था मे घोटाले का विरोध करने वाले प्रोफेसर्स एवं अन्य लोगों को टेंडर धारक विजय कुमार एवं उनके गुंडे बेइज्जत कर रहे है | प्रिन्सपल के उकसावे पर विजय कुमार ने कहा कि डायट मे मेरा प्रवेश हो चुका है, कोई भी प्रोफेसर अगर मुंह खोल तो सबको लाठी से पिटेगा |
आरोप है कि बिना टेन्डर निकाले प्रशिक्षण कार्यों की जिम्मेवारी वेनडर विजय कुमार को दे दी गई | जबकि विजय कुमार पर डायट के शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार का भी आरोप है | विजय कुमार और प्रिन्सपल श्री त्रिपाठी के बीच ऐसा साँठ -गांठ है की दुबारा भी यह कथित टेन्डर विजय कुमार को ही दे दी गई है वो भी बिना टेंडर निकले |
प्रोफेसर संजय कुमार के साथ दुर्व्यवहार मामले का वीडियो जब एक अन्य प्रोफेसर नईम अंसारी द्वारा मोबाइल से बनाया गया तो मोबाईल छिन कर साक्ष्य मिटा दिया गया | यही नहीं आज भी सारी घटना संस्था के सीसीटीवी कैमरे मे कैद है, जिसे देखा जा सकता है | आरोप है की वेंडर के द्वारा की जा रही सारी दादागिरी प्रिन्सपल के इशारे पर की गई ताकि कोई भी शिक्षक भ्रष्टाचार पर उंगली नहीं उठा सके |
उल्लेखनीय है कि शिक्षकों को छह दिन प्रशिक्षण देना है | एक बैच मे 110 शिक्षक होंगे और प्रति शिक्षक 600 रुपया खर्च करना है | और प्रत्येक बैच को छह दिन प्रशिक्षण देना है | ऐसे मे पहले लौट मे कुल 800 के आस- पास लोगों को प्रशिक्षण देना है और 40 लाख खर्च करना है | आरोप है कि छात्रों को खाने और अन्य व्यवस्था में मुश्किल से 160 से 200 रुपये ही खर्च किए जाने है और बाकी सभी राशि का घाल मेल किए जा रहे है |
आरोप लगाया गया कि “उलटे चोर कोतवाल को डांटे” | प्रोफेसर संजय कुमार के बाद प्रिंसिपल डॉ चन्द्रमौली त्रिपाठी ने भी राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक को लिखे पत्र में डॉ संजय कुमार एवं अन्य शिक्षकों पर शिक्षण कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया है |
बहरहाल, कमीशन के खेल में हो रहे आरोप प्रत्यारोप के इस सिलसिले की जांच निदेशक स्तर से हो तो ज्यादा बेहतर होता | जानकारी मिली है कि मंगलवार से प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होने है और आनन फानन में टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है ।
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