
भाजपा सांसद अवसाद मे , टिकट लेने के लिए डिजिटल मीडिया का सहारा
आगामी चुनाव मे टिकट कटने की संभावना से हुए व्याकुल

सागर सूरज
मोतिहारी सांसद राधा मोहन सिंह को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद पूर्वी चंपारण मे 2024 के संसदीय चुनाव के प्रत्याशी को लेकर राजनीतिक तपिश सांतवे आसमान पर पहुँच गई है | भाजपा का एक बड़ा धड़ा यह दावा कर रहा है कि राष्ट्रीय कमिटी से राधा मोहन सिंह को बाहर का रास्ता दिखाना आगामी चुनाव मे टिकट से बँचित करने का भी संकेत है |
राधा मोहन सिंह पूर्वी चंपारण जिले से सात बार सांसद रहे है और भाजपा के कद्दावर नेता माने जाते रहे है | नरेंद्र मोदी कैबिनेट मे राधा मोहन सिंह कृषि मंत्री के पद पर भी आसीन रहे | वर्तमान मे यूपी मे चुनाव प्रभारी भी है | ऐसे मे कैबिनेट मंत्री का पद छीने जाने के बाद से ही पार्टी मे उनकी पकड़ कमजोर होने का दावा किया गया और अंत मे राष्ट्रीय कमिटी के बाद यूपी चुनाव प्रभारी से भी बँचित किये जाने की बात चर्चे मे है | हालांकि इस मामले मे कोई आधिकारिक व्यान नहीं आया है |
बिहार का पूर्वी चंपारण जिला भगवा का गढ़ माना जाता रहा है | पिछले कुछ चुनाव मे भाजपा की लगातार हार यह संकेत देने के लिए काफी है कि राधा मोहन सिंह की पकड़ जिले के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर ढीली पड़ने लगी है | नगर निगम महापौर, एमएलसी, स्नातक क्षेत्र, शिक्षक स्नातक और जिला परिषद चुनाव मे भाजपा के प्रत्याशियों की जबरदस्त हार साथ ही पार्टी के ज्यादातर समर्पित नेता और कार्यकर्ताओं की राधा मोहन सिंह के प्रति नाराजगी भाजपा के गौरव को कमजोर किया है, ऐसे मे राधा मोहन सिंह को आगामी चुनाव मे अगर टिकट मिल भी जाता है तो इस बार संभावना है नरेंद्र मोदी के प्रभाव पर राधा मोहन विरोध हावी हो जाए और यह सीट बिपक्ष के खेमे चाला जाये |
नेता, जात समीकरण, बूथ और पत्रकार प्रबंधन मे पारंगत राधा मोहन सिंह राष्ट्रीय कमिटी से बँचित होने के बाद अब आगामी चुनाव मे टिकट नहीं मिलने की खबर से सदमे मे है | यहाँ तक की बिहार से एक मात्र व्यक्ति ऋतुराज को राष्ट्रीय कमिटी मे सचिव का पद मिला है, लेकिन राधा मोहन सिंह ने प्रोटोकॉल की तरह ऋतु राज के नाम एक बधाई संदेश भी सोशल मीडिया पर नहीं डाला है, जो उनके अवसाद को प्रदर्शित करता है | इधर राधा मोहन सिंह ने डिजिटल मीडिया पर अपनी उपलब्धियों का बखान भी करवाने लगे ताकि उनका टिकट नहीं कटे |
इधर जानकारों की माने तो आगामी चुनाव मे इस संसदीय क्षेत्र से भाजपा के दावेदार कल्याणपुर के पूर्व विधायक सचिन्द्र सिंह भी राधा मोहन सिंह के कुनवे से बाहर जाकर केन्द्रीय और राज्य कमिटी मे अपनी दौड़ लगानी शुरू कर दी है | राधा मोहन सिंह सांसद प्रत्याशी से लेकर जिले के प्रत्येक चुनाव मे अपने मनपसंद प्रत्याशियों को ही चुनाव लड़वाने की स्थापित परंपरा पर विश्वास करते रहे है | यही कारण है कि ढाका विधायक पवन जायसवाल, पूर्व एमएलसी बाबलू गुप्ता सहित सभी बड़े नेता राधा मोहन सिंह के कुनवे से बाहर निकलते जा रहे है, ऐसे मे मोदी भक्तों की परेशानी आगामी चुनाव को लेकर बढ़ गई है |
संसदीय चुनाव मे विभिन्य पार्टियों से प्रत्याशियों के नाम हवाओं मे तैर रहे है | जिसमे वर्तमान एमएलसी महेश्वर प्रसाद सिंह, अधिवक्ता पप्पू दुबे, आलोक शर्मा, राज्य सभा सदस्य अखिलेश प्रसाद प्रसाद सिंह और विनोद श्रीवास्तव, गपपू राय जैसे नाम भी विपक्ष से चर्चे मे है | अब यह तो समय ही बताएगा कि टिकट किसे मिलता है और कौन भगवा दुर्ग मे छेद कर पता है, वैसे विपक्ष से सर्वग्राह प्रत्याशी अगर हो तो फतह आसान हो सकती है |
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