
Patna News: पटना के दानापुर प्रखंड के आसोपुर गांव से अजब-गजब मामला सामने आया है. यहां परिजनों ने जिस युवक का 7 साल पहले अंतिम संस्कार कर दिया था, वो अचानक से लौट आया. युवक को अपने सामने खड़ा देख पहले तो परिजन चौंके फिर खुशी से झूम उठे. मामला जिले के दानापुर थाना क्षेत्र के लखनीबिगहा पंचायत के आशोपुर गांव का है।

ग्रामीणों से बात चीत के दौरान बताया कि पुत्र बिहारी राय की शादी 2005 में हुई थी। शादी के दो वर्ष बाद यानी 2007 में एक पोती भी हुआ। लेकिन बेटी को जन्म देने के बाद बहू बिमार होने के कारण उसकी मौत हो जाती है। पत्नी की मौत के बाद बिहारी को ऐसा सदमा लगता है की वह विक्षिप्त होकर घर छोड़कर चला गया। लेकिन उस दौरान 7 माह बाद वह पुनः घर लौट आया। इसके बाद वह ठीक ठाक रहा। लेकिन 2016 में वह फिर घर से छोड़कर भाग गया। जिसके बाद परिजनों ने बिहारी की काफी खोजबीन की लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका। जिसके बाद परिजनों ने गुमशुदगी का मामला दानापुर थाने में दर्ज करवाया था। इस तरह 7 साल बीत गए। इसी दरम्यान गांव में एक ओझा ने परिजनों को अंतिम संस्कार करने को कहा। जिसके बाद परिजनों ने अपने पुत्र को मृतक समझ सभी विधि विधान के साथ उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
आशोपुर गांव निवासी पिता बृजनंदन राय ने बताया कि दो दिन पहले लखनीबिगहा के मुखिया शत्रुधन कुमार के पास दिल्ली पुलिस का कॉल आया। दिल्ली पुलिस ने मुखिया को बताया की
आशोपुर का एक युवक यहां के एक संस्था में रह रहा है। जिसके बाद मुखिया ने बिहारी के परिजनों को इस की सूचना दी। कहा कि वह अपने खर्चे पर बिहारी को घर लाएंगे। जिसके बाद बिहारी को लाने के लिए उसके पिता गांव के मुखिया ने दिल्ली भेजा।
दिल्ली से आशोपुर पहुंचते ही बिहारी मां से लिपटकर रोने लगा। इतने में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। बिहारी ने बताया कि ट्रेन से गिरकर वह जख्मी हो गया था। उसका पैर व हाथ काम नहीं कर रहा था। जब उसे होश आया तो वह अस्पताल में पड़ा हुआ था। जब कुछ ठीक हुए तो दिल्ली में एक संस्था के हवाले कर दिया गया था।
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