रक्सौल थाना : जहां एसपीओ से लिखवाया जाता है केस डायरी, हाजत मे फोन की भी सुविधा उपलब्ध...

रक्सौल थाना : जहां एसपीओ से लिखवाया जाता है केस डायरी, हाजत मे फोन की भी सुविधा उपलब्ध...

जहां एसपी और डीजीपी की भी नहीं चलती॥ सिर्फ चंदन की चलती है

Reported By SAGAR SURAJ
Updated By SAGAR SURAJ
On
आरोप है कि डेढ़ करोड़ के कीमत की जप्त कीटनाशक को गलत तरीके से कॉपीराइट का मुकदमा करके सारे अभियुक्तों को थाने से ही जमानत दे दी गई

 

कल्याणपुर थाना हाजत में बंद कैदी की संदिग्ध मौत, उच्चस्तरीय जांच शुरू Read More कल्याणपुर थाना हाजत में बंद कैदी की संदिग्ध मौत, उच्चस्तरीय जांच शुरू

 

सागर सूरज

मोतीहारी: भारत- नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अवस्थित रक्सौल थाना इन दिनों लगातार विवादों मे है | आरोप है कि डेढ़ करोड़ के कीमत की जप्त कीटनाशक को गलत तरीके से कॉपीराइट का मुकदमा करके सारे अभियुक्तों को थाने से ही जमानत दे दी गई |

इस मामले मे आवेदक ने कहा थानेदार ने उसके आवेदन को बदल कर फिर से आवेदन लिखवा कर अभियुक्तों को लाभ पहुंचाया | हाजत मे अभियुक्तों को मोबाईल सुविधा देना अभियुक्तों का पुलिस निरीक्षक पर प्रभाव को भी साबित किया है |  

कथित रूप से बिचौलियों के भरोसे संचालित इस थाने के अधिकारियों के कार्यकलाप और पुलिस निरीक्षक पर लग रहे आरोपों पर अगर नजर डाली जाए तो यहाँ आम आदमी पुलिस से ज्यादा अपराधियों से सुरक्षित महसूस करता है |

IMG-20230731-WA0260
होम गार्ड का जवान जो मुंशी के रूप मे रक्सौल थाने मे कार्य करता है

 

 

बिहार के पुलिस मुख्यालय के स्पष्ट निर्देश के बाद भी एक गृह रक्षा वाहिनी द्वारा थाना के मुंशी के पद का संचालन किया जाता है, जाहीर है कोई भी प्राथमिकी बिना ‘सेवा’ दर्ज ही नहीं होती | यहाँ तक की डीजीपी, बिहार के आदेश को भी यहाँ के पुलिस निरीक्षक कूड़े दान मे फेंकने से परहेज नहीं करते है |

अधिकारी अपने केस डायरी तक को स्थानीय एक एसपीओ से लिखवाते है, जाहिर सी बात है केस डायरी को भी अभियुक्त गण खुलेआम  प्रभावित करते है और कमजोर और गरीब लोगों को न्याय से महरूम किया जाता है | जांच अगर हो तो ज्यादातर केस डायरी अनुसंधानकर्ता के लिखावट मे नहीं मिलेगा |

यहाँ तक की एक चकुदार पुलिस निरीक्षक का रीडर का कार्य करता है | यही कारण है इस थाने मे व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण इस थाने को पुलिस विभाग की चलती फिरती दुकान कही जा सकती है | हाजत मे गिरफ्तार अपराधियों और वारंटियों का मोबाईल चलाते वीडियो, फ़ोटो आप भी खींच सकते है |    

रक्सौल प्रखंड क्षेत्र गोनहा निवासी मुन्नी देवी का कहना है कि बिहार पुलिस हेल्पलाइन पटना व्हाट्सएप मोबाइल फोन नंबर के माध्यम से एक शिकायत दर्ज किया गया था, जिसको लेकर स्थानीय रक्सौल थाना को वहां से जांच के लिए मैसेज आया था, लेकिन कोई पदाधिकारी आज तक जांच करने नहीं पहुंचे, इसके बारे में जब जानकारी लेने के लिए थानाध्यक्ष सह निरीक्षक के मोबाइल पर फोन किया गया तो प्रभारी थाना अध्यक्ष ने बताया इस तरह का कोई जानकारी मुझे प्राप्त नहीं है। पुलिस हेल्पलाइन ने आदेश की सूचना पीड़िता के मोबाइल पर दी थी |

वहीं दूसरी ओर एक ग्रामीण ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि एक मोटरसाइकिल चोरी का केस दर्ज करवाने को लेकर मैं जब थाने पहुंचा तो थाना अध्यक्ष ने अपने रीडर चौकीदार परशुराम कुमार पंडित से बात करने के लिए बोलने लगे और चौकीदार केस दर्ज करने के लिए रुपये मांगने लगा । लोगों का कहना है रक्सौल थाने में प्राइवेट रूप में कई कर्मी मौजूद हैं, जिसके कारण थाने मे भ्रष्टाचार चरम पर चला गया है।

रक्सौल थाने में गृह रक्षा वाहिनी चंदन कुमार श्रीवास्तव मुंशी की भूमिका मे है, जिनका कमान   लगभग साल पहले रक्सौल थाना के लिए काटा गया था, लेकिन सेवा समाप्त हो जाने के बाद भी ये थाना लेखक (मंशी) रूप में कार्य करते हैं, जबकि थाना लेखक के रूप में सुनील कुमार नामक किसी व्यक्ति का पदस्थापन हुआ है | चंदन की मर्जी के विरुद्ध आप थाने से कोई मदद नहीं ले सकते है |

बताया गया कि रक्सौल इंस्पेक्टर सह पुलिस निरीक्षक के रीडर के रूप में चौकीदार परशुराम कुमार पंडित कई वर्षों से कार्यरत है, जबकि डीजीपी साहब का आदेश है किसी भी चौकीदार को किसी भी थाने में प्रयुक्त नहीं किया जाएगा | सभी चौकीदार अपने-अपने थाना क्षेत्र में नियमित गश्ती करेंगे | क्षेत्र का जायजा लेंगे, लोगों से मिलेंगे क्षेत्र के समस्याओं से थाना अध्यक्ष को अवगत कराएंगे |

आरोप है कि थाना अध्यक्ष के द्वारा इन लोगों को सिर्फ इसलिए रखा गया है ताकि उगाही आसानी से हो सके । वही जब इस संदर्भ में स्थानीय थानाध्यक्ष के सरकारी मोबाइल फोन नंबर पर स्थानीय पत्रकारों ने बात की तो वे सवाल करते ही पुलिस निरीक्षक आग बबूला हो गए और पत्रकार को ही धमकी देने लगे जिसका कॉल रिकॉर्ड साक्ष्य के तौर पर पत्रकार के पास मौजूद हैं |

वही जब  अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के सरकारी मोबाइल फोन नंबर पर फोन किया गया तो अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी का कहना था आपको कोई पर्सनल यीशु है, तो बताइए आप क्यों इन लोगों के पीछे पड़े हैं, जिसका भी कॉल रिकॉर्ड साक्ष्य के रूप मे बॉर्डर न्यूज़ मिरर कार्यालय मे उपलब्ध है |

 जिला पुलिस कप्तान कांतेश मिश्रा ने सूचना पर अविलंब कार्रवाई करते हुए कथित रीडर  चौकीदार परशुराम कुमार पंडित और गृह रक्षा वाहिनी के जवान चंदन कुमार श्रीवास्तव मुंशी को हटा दिए जाने की बात पत्रकारों को कही, लेकिन आज भी दोनों उसी पद पर कायम है । एसपी से बातचीत का आडियो भी उपलब्ध है |

 

 

 

 

 

Post Comment

Comments

राशिफल

Live Cricket