
सुप्रीम कोर्ट में आज जातीय गणना पर सुनवाई, बिहार सरकार का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट का आ सकता है फैसला
1 अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने दिया था फैसला, 500 करोड़ की राशि अलॉट की गई है
Bihar news: बिहार में जातीय गणना पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी। आप को बता दे कि Patna highcourt के फैसले पर रोक लगाने के खिलाफ को लेकर याचिका दायर कराई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने रोक संबंधी सभी याचिका को क्लब किया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि जब तक दूसरे पक्ष को नहीं सुन लिया जाता, तब तक किसी भी निर्णय तक नहीं पहुंचा जा सकता है।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 18 अगस्त को सुनवाई हुई थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान बिहार सरकार ने अपने पक्ष में बताया गया था कि बिहार में सर्वे का काम पूरा हो चुका है। आंकड़े भी ऑनलाइन अपलोड की जा रही है। इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने बिहार में हो रही जातीय गणना का ब्योरा रिलीज नहीं करने की मांग कर दी थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को भी खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि बिहार सरकार का पक्ष सुने बिना कोई रोक नहीं लगाई जा सकती। इससे पहले 14 अगस्त को सुनवाई टल गई थी।
1 अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने दिया था फैसला
पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं 1 अगस्त को खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सरकार चाहे तो गणना करा सकती है। इसके तुरंत बाद नीतीश सरकार ने जातीय गणना को लेकर आदेश जारी कर दिया था।
सरकार ने सभी डीएम को आदेश दिया कि हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर जातीय गणना के बचे काम को पूरा करें। पिछले एक सप्ताह से यह काफी तेजी से हो रहा है। सूत्रों की माने तो पटना जैसे बड़े जिले में यह काम लगभग पूरा होने वाला है। डेटा कलेक्शन का काम भी पूरा हो गया है। अब डेटा को ऑनलाइन फीड किया जा रहा है।
500 करोड़ की राशि अलॉट की गई है
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुसार बिहार सरकार जातीय गणना नहीं, सिर्फ लोगों की आर्थिक स्थिति और उनकी जाति से संबंधित जानकारी लेना चाहती है। इससे उनकी बेहतरी के लिए योजना बनाई जा सके। सरकार की तरफ जाति आधारित गणना और आर्थिक सर्वेक्षण को लिए सरकार की तरफ से 500 करोड़ की राशि अलॉट की गई है।
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