सीतामढ़ी में चंद्रयान 3 की सफलता को पूरी जिंदगी याद रखने के लिए सदर अस्पताल के प्रसूति वार्ड में 23 अगस्त की रात में जन्म लेने वाले कई बच्चों के माता-पिता ने अपने नवजात का नाम चंद्रयान के इक्विपमेंट्स पर प्रज्ञान और विक्रांत रखा है।
नवजात के पिता गौतम कुमार ने बताया कि इस ऐतिहासिक क्षण को जीवन भर याद रखने के लिए और खुद पर और देश पर गर्व करने के लिए पैदा हुए बच्चों का नाम चंद्रयान 3 अभियान से जोड़कर रखा गया है। उन्होंने बताया कि चंद्रयान ने जिस दिन चंद्रमा पर अपना कदम रखा उसी रात पुत्र ने जन्म लिया। इसलिए उसका नाम विक्रांत जो की चंद्रयान का अंग है उसके नाम पर रखा है।
चंद्रयान की लैंडिंग के चार घंटे बाद हुआ था जन्म
संजीव ठाकुर ने 23 अगस्त की रात को जन्मे अपने पुत्र का नाम प्रज्ञान रखा है। इस संबंध में संजीव ने बताया की चांद पर को चंद्रयान गया है, उसके अंदर के छह पाव वाले रॉबट का नाम प्रज्ञान है, जो की लैंडिंग के चार घंटे बाद चंद्रयान से बाहर हमारे तिरंगा के साथ चांद पर कदम रखा था। उसी के साथ उनकी पुत्री ने जन्म लिया था। यह चांद पर पृथ्वी के 14 दिनों की अवधि तक वैज्ञानिक अध्ययन, डेटा कलेक्शन जैसे अपने कामों को अंजाम देगा।
चंद्रयान-3 की सफलता पर दे रहे बधाई
देश दुनिया मे चंद्रयान-3 के सफल परीक्षण करने वाले वैज्ञानिकों की टीम में शामिल ग्रुप डी वैज्ञानिक रवि कुमार के सीतामढ़ी के पुपरी स्थित उनके घर पर जश्न का माहौल देखने को मिल रहा है। तीन दिन बीत जाने के बाद भी लोग बधाई देने के लिए लगातार उसके घर पर पहुंच रहे है।
रवि की मां मधुबाला चौधरी और उनके पिता अरुण कुमार ने इस ऐतिहासिक क्षण की बाते और फोटो देख रहे है। उसकी मां भगवान में नेह लगाते भी दिख रही है। अपने बेटे की इस कामयाबी के बाद घर में पूजा-पाठ का जश्न मना रही है।
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