
नई दिल्ली। चीन के साथ बॉर्डर पर चल रहे तनाव के बीच दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार सुबह लेह पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख में सीमा पर तैनात सैनिकों और आईटीबीपी जवानों से मिले और सीमाओं की सुरक्षा के लिए उनकी प्रशंसा की। रक्षामंत्री ने उन्हें दिन-रात देश की सेवा जारी रखने के लिए प्रेरित […]
नई दिल्ली। चीन के साथ बॉर्डर पर चल रहे तनाव के बीच दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार सुबह लेह पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख में सीमा पर तैनात सैनिकों और आईटीबीपी जवानों से मिले और सीमाओं की सुरक्षा के लिए उनकी प्रशंसा की। रक्षामंत्री ने उन्हें दिन-रात देश की सेवा जारी रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आप लोगों की वजह से ही भारत की एक इंच भी जमीन दुनिया की कोई ताकत छीन नहीं सकती।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख़ पहुंंचकर सीमावर्ती इलाक़ों का दौरा किया और लुकुंग चौकी पर जाकर भारतीय सेना के जांंबाज जवानों एवं अधिकारियों से मिलकर उनकी हौसला अफजाई की। उन्होंने जवानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश के जवान देश की आन, बान और शान हैं लेकिन 15 जून को चीनी सैनिकोंं के साथ गलवान घाटी की झड़प में सेना के 20 जवानों को खोने का गम भी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन से अब तक हुई चार दौर की बातचीत में जितनी प्रगति हुई है, उससे मामला हल होना चाहिए लेकिन विवाद कहां तक हल होगा, इसकी गारंटी नहीं दे सकता। इसके बावजूद इतना यकीन दिलाना चाहता हूं कि भारत की एक इंच जमीन भी दुनिया की कोई ताक़त छीन नहीं सकती, उस पर कोई कब्जा नहीं कर सकता।
रक्षामंत्री ने कहा कि भारत दुनिया का इकलौता देश है, जिसने सारे विश्व को शांति का संदेश दिया है। हमने किसी भी देश पर कभी आक्रमण नहीं किया है और न ही किसी देश की जमीन पर हमने कब्जा किया है। भारत ने वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया है। हम अशांति नहीं चाहते, हम शांति चाहते हैं। हमारा चरित्र रहा है कि हमने किसी भी देश के स्वाभिमान पर चोट मारने की कभी कोशिश नहीं की है। इसके बावजूद अगर भारत के स्वाभिमान पर चोट पहुंंचाने की कोशिश की गई तो हम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे और मुंहतोड़ जवाब देंगे।
रक्षामंत्री ने कहा कि भारतीय सेना के ऊपर हमें नाज है। आज आपसे मिलकर मुझे खुशी हो रही है तो मन में एक पीड़ा भी है। हाल ही में भारत और चीन सैनिकों के बीच जो भी कुछ हुआ, उसमें हमारे कुछ जवानों ने अपना बलिदान देते हुए अपनी सीमा की रक्षा की। उन्हें खोने का गम और आपसे मिलने की खुशी है, मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आप लोगों ने केवल भारत की सीमा की सुरक्षा नहीं की है बल्कि 130 करोड़ भारतवासियों के सम्मान की सुरक्षा भी की है।
उन्होंने कहा कि आज लद्दाख में खड़े होकर मैं कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की बाजी लगाकर भारत की सीमाओं की रक्षा करने वाले बहादुर सैनिकों को भी स्मरण एवं नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूंं। लुकुंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना और आईटीबीपी कर्मियों को मिठाई खिलाई और उन्हें गिफ्ट भी दिए। भारतीय सेना और आईटीबीपी कर्मियों के साथ बातचीत करने के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी मौजूद रहे। इससे पहले रक्षामंत्री भारतीय सेना के एक खास कार्यक्रम में शामिल हुए। उनके सामने लेह में भारतीय सेना और वायु सेना ने संयुक्त अभ्यास करके अपनी ताकत दिखाई।

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