
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की सीमा एलएसी पर चीन के साथ चल रहे सैन्य टकराव के बीच भारतीय नौसेना ने अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह मेें एक ड्रिल शुुरू करके चीन को समुद्री इलाके में घेरने का संदेेश दिया है। दरअसल अंडमान और निकोबार के इन्हीं रास्तों से चीन का अहम व्यापार होता है। भारतीय नौसेना […]
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की सीमा एलएसी पर चीन के साथ चल रहे सैन्य टकराव के बीच भारतीय नौसेना ने अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह मेें एक ड्रिल शुुरू करके चीन को समुद्री इलाके में घेरने का संदेेश दिया है। दरअसल अंडमान और निकोबार के इन्हीं रास्तों से चीन का अहम व्यापार होता है। भारतीय नौसेना ने यह युद्धाभ्यास उस समय शुरू किया है जब पहले से ही दो अमेरिकी सुपर एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज और रोनाल्ड रीगन दक्षिण चीन सागर में चीन को घेरे हुए हैं।
भारतीय नौसेना अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अपनी सैन्य ताकत को और मजबूत बना रही है। चीन से जुड़ी समुद्री सीमा पर नौसेना की अंडमान-निकोबार कमांड (एएनसी) 2001 में बनाई गई थी। यह कमांड देश की पहली और इकलौती है, जो एक ही ऑपरेशनल कमांडर के अधीन जमीन, समुद्र और एयर फोर्स के साथ काम करती है। पूर्वी बेड़े के प्रमुख रियर एडमिरल संजय वात्स्यायन के नेतृत्व में यह युद्धाभ्यास अभ्यास एएनसी और पूर्वी नौसेना कमान के युद्धपोतों और विमानों के साथ किया जा रहा है। भारत की यह ड्रिल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यहीं से चीन के कुछ समुद्री रास्ते गुजरते हैं जहां से चीन कई व्यापारिक गतिविधियों को अंजाम देता है।
अंडमान-निकोबार द्वीप समूहों के पास ड्रिल कर रहे भारतीय युद्धपोतों में विध्वंसक, पेट्रोलिंग एयरक्राफ्ट और पनडुब्बी शामिल हैं। कुई युद्धपोतोंं को मलक्का स्ट्रेक के पास तैनात किया गया है जहां से चीन कई व्यापारिक जहाज गुजरते हैंं। मलक्का में ही भारत और जापान ने पिछले महीने संयुक्त युद्धाभ्यास किया था लेकिन वह सीमित स्तर का था। भारत ने चीन पर समुद्री सीमा में नजर रखने के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अपनी ताकत बढ़ानी शुरू कर दी है। इसीलिए नौसेना खुद को मजबूत बनाने के इरादे से 248 ‘अस्त्र’ मिसाइल और क्रूज मिसाइल प्रणाली खरीदने जा रही है जिसकी मंजूरी भी सरकार से मिल चुकी है।
भारतीय नौसेना की यह ड्रिल चीन के लिए किसी डबल अटैक से कम नहीं है क्योंकि इससे पहले साउथ चाइना सी में अमेरिका के दो एयरक्राफ्ट कैरियर लड़ाकू ड्रिल कर रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी 16 जुुुलाई को अपने आधिकारिक बयान में दक्षिण चीन सागर को वैश्विक कॉमन्स का हिस्सा बताया है। यह पहली बार है जब भारत ने दक्षिण चीन सागर पर चीन के एकाधिकार को स्पष्ट रूप से चुनौती दी है। इस लिहाज से भी चीन से जुड़ी समुद्री सीमा पर भारतीय नौसेना का अंडमान-निकोबार द्वीप समूहों के पास युद्धाभ्यास अहम माना जा रहा है।
Related Posts
Post Comment
राशिफल
Live Cricket
Recent News

11 Mar 2025 23:35:54
पूर्व के एक बड़े पुलिस पदाधिकारी के कार्यकाल के दरम्यान हुई गिरफ्तारियों पर अगर नजर डाली जाए तो पता चलेगा...
Epaper
YouTube Channel
मौसम

Comments