बाज नहीं आ रहा नेपाल, सीमा पिलर उखाड़ा

बाज नहीं आ रहा नेपाल, सीमा पिलर उखाड़ा

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सागर सूरज   मोतिहारी: भारत-नेपाल सीमा विवाद इन दिनों देशों के सीमा पर कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। नेपाल के तरफ से लगातार भारतीय लोगों को उकसाने का प्रयास जारी है। शनिवार को भारत नेपाल सीमा के भिखनाठोरी में नेपाल प्रशासन के कथित निर्देश पर सीमा स्तंभ संख्या 436 को कतिपय तत्वों ने उखाड़ […]

सागर सूरज  

मोतिहारी: भारत-नेपाल सीमा विवाद इन दिनों देशों के सीमा पर कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। नेपाल के तरफ से लगातार भारतीय लोगों को उकसाने का प्रयास जारी है। शनिवार को भारत नेपाल सीमा के भिखनाठोरी में नेपाल प्रशासन के कथित निर्देश पर सीमा स्तंभ संख्या 436 को कतिपय तत्वों ने उखाड़ फेंका। विगत माह सीमा के पन्डई नदी का पानी जिससे एकवा परसौनी के किसानों का वरदान माना जाता है, नेपालियों ने बन्द कर दिया गया था। इस संबंध में अनुमण्डल प्रशासन ने कोई जानकारी नही दिया। इधर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत विरोधी गतिविधियों को हवा दे रहे है। सीमा पर तैनात एसएसबी की टुकड़ी सब जानकर अनजान बनी हुई है।

शनिवार को जब नेपाल के परसा जिल्ला के सीडीओ सीमा पार ठोरी के दौरा पर रहे तो स्थिति पूर्ववत रही। अलबत्ता उनके जाने के बाद सीता गुफा पहाड़ पर स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा स्तम्भ संख्या 436 को उखाड़ फेंका गया। इस बावत बताया गया है कि नेपाल के प्रधानमंत्री के दौरा को लेकर क्षेत्र संख्या 2 के मंत्री व सीडीओ ने दौरा किया। उनके कथित उकसावे पर नेपालियों ने उपर्युक्त घटना को अंजाम दिया।

 जिसकी खबर मिलने के बाद अब एसएसबी सक्रिय हुआ है। वैसे प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि एसएसबी की गश्तीदल 12.30 बजे लौटी तबतक हालात ठीक रहा। भिखनाठोरी के भारतीय लोगों का कहना है कि यदि एसएसबी ईमानदारी से कर्तव्य निर्वहन करें तो कोई सीमा स्तंभ कैसे उखाड़ फेंकता? बहरहाल सीमा स्तंभ उखाड़ा जा चुका है, जिला में प्रशासनिक गतिविधियों में तेज़ी आई है। एसएसबी के वरीय पदाधिकारी के ठोरी जाने की खबर है और तनाव व्याप्त है।

इधर पूर्वी चंपारण में भी नेपाल सरहद पे सबकुछ अच्छा नहीं है। कुछ दिन पूर्व ही लालबक्या नदी पर बांध का पुनः निर्माण यह कह कर रोक दिया गया कि इस बांध का कुछ भाग नो-मेंस लैंड से सटा हुआ है वही रक्सौल बॉर्डर के पास कोरोना मरीजों के मौत के बाद दफ़न करना तथा भारतीय क्षेत्र में एक नेपाली टावर बना लेना भी विवादों का कारण रहा है। इस सबके बाद भी एसएसबी के जवानों ने अपनी गंभीरता भंग नहीं होने दी एवं बातचीत से ही मामले के निपटारे का प्रयास किया। पूर्वी चंपारण से सटे सीतामढ़ी जिले में नेपाल पुलिस द्वारा भारतीय किसान पर फायरिंग एवं इस फायरिंग में एक भारतीय की मौत भी इन्ही घटनाक्रमों की कड़ी में से है। वाल्मीकिनगर के बराज के कुछ पिल्लरों की मरम्मत कार्य भी नेपाल द्वारा रोकी गयी थी। सारे घटना क्रम विगत कुछ सप्ताह के भीतर की है।

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