
राधा मोहन प्रयागराज। लंबे समय बाद इस बार रक्षाबंधन पर्व पर विशेष संयोग बन रहा है। सावन के आखिरी सोमवार पर श्रावणी पूर्णिमा व श्रावण नक्षत्र का महासंयोग है। रक्षाबंधन पर यह संयोग बहुत ही लाभदायक होंगे। ज्योतिषाचार्य पं. देवकी नंदन मिश्र बताते हैं कि तीन अगस्त को सुबह 07ः33 बजे […]
राधा मोहन
प्रयागराज। लंबे समय बाद इस बार रक्षाबंधन पर्व पर विशेष संयोग बन रहा है। सावन के आखिरी सोमवार पर श्रावणी पूर्णिमा व श्रावण नक्षत्र का महासंयोग है। रक्षाबंधन पर यह संयोग बहुत ही लाभदायक होंगे।
ज्योतिषाचार्य पं. देवकी नंदन मिश्र बताते हैं कि तीन अगस्त को सुबह 07ः33 बजे तक उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, उसके बाद श्रवण नक्षत्र रहेगा और सुबह 08ः29 बजे तक भद्रा सोमवार को सुबह 07ः30 से 09 बजे तक राहुकाल रहेगा, इसके बाद रात 08ः20 बजे तक राखी बांधना अति उत्तम रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार राखी को सही समय पर सही विधि से बांधना चाहिए। भाई को पूरब दिशा की तरफ मुंह करके बैठाना चाहिए। पूजा की थाली में चावल, रोली, राखी, दीपक रखें। अनामिका अंगुली से टीका कर चावल लगाने चाहिए। अक्षत अखंड शुभता को प्रदर्शित करते हैं। उसके बाद भाई की आरती उतारनी चाहिए और उसके जीवन की मंगल कामना करनी चाहिए।
रक्षाबंधन पर भद्रा समय का त्याज्य करना चाहिए। इस बार दो अगस्त को रात में भद्रा नक्षत्र शुरू होगी जो 3 अगस्त को सोमवार के दिन पूर्णिमा तिथि पर सुबह 8ः29 बजे तक रहेगी। इस काल में रक्षाबंधन का पर्व मनाना शुभ नहीं माना गया है। चूंकि इस बार ’भद्रा पाताल लोक में है,’ इसलिए इसका असर नहीं पड़ेगा। फिर भी भद्रा काल का त्याज्य करके दिन भर शुभ मुहूर्त में बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। रक्षाबंधन पर गुरु अपनी राशि धनु में और शनि मकर में वक्री रहेगा। इस दिन चंद्र ग्रह भी शनि के साथ मकर राशि में रहेगा। इस बार रक्षाबंधन पर राहु मिथुन राशि में, केतु धनु राशि में है।
Related Posts
Post Comment
राशिफल
Live Cricket
Recent News

21 Aug 2025 22:28:04
मोतिहारी। संग्रामपुर थाना क्षेत्र के दरियापुर मठ के पास गुरुवार देर शाम अपराधियों के बीच हुई जबरदस्त गोलीबारी में दो...
Epaper
YouTube Channel
<% let n=0; items.forEach((r)=>{ if(n == 0) { n++; return; } %> <% n++; %> <% }); %>
<%- className == "" ? "" : '
' %> <% items.forEach(function(r) { %> <% }); %> <%- className == "" ? "" : "
" %> मौसम

Comments