दिल्ली यूनिवर्सिटी को हाई कोर्ट से ऑनलाइन ओपन-बुक एग्जाम की अनुमति मिली

दिल्ली यूनिवर्सिटी को हाई कोर्ट से ऑनलाइन ओपन-बुक एग्जाम की अनुमति मिली

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नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने ओपन बुक एग्जाम को हरी झंडी दे दी है। कोर्ट ने ओपन बुक एग्जामिनेशन के संचालन के तौर-तरीकों पर चिंता जताते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया कि प्रश्न पत्र यूनिवर्सिटी के पोर्टल और छात्रों के ई-मेल आईडी दोनों पर उपलब्ध कराए। कोर्ट ने कहा कि […]
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने ओपन बुक एग्जाम को हरी झंडी दे दी है। कोर्ट ने ओपन बुक एग्जामिनेशन के संचालन के तौर-तरीकों पर चिंता जताते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया कि प्रश्न पत्र यूनिवर्सिटी के पोर्टल और छात्रों के ई-मेल आईडी दोनों पर उपलब्ध कराए। कोर्ट ने कहा कि छात्रों को आटो जेनरेटेड ई-मेल भेजकर बताना होगा कि उनके प्रश्नोत्तर स्वीकार कर लिए गए हैं।
कोर्ट ने आदेश दिया कि छात्रों की शिकायतों पर गौर करने के लिए गठित शिकायत निवारण कमेटी की अध्यक्षता दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज करेंगे। कॉमन सर्विस सेंटर एकेडमी सभी केंद्रों को ई-मेल भेजकर तैयारी सुनिश्चत करेगा। दिल्ली यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया कि शिकायत निवारण अधिकारी छात्रों के ई-मेल का 48 घंटे के अंदर शिकायत निवारण करते हुए जवाब देंगे। अगर वे 48 घंटे के भीतर शिकायत का निवारण नहीं करते हैं तो संबंधित शिकायत को शिकायत निवारण कमेटी को रेफर कर दिया जाए।
कोर्ट ने कहा कि कुहाड कमेटी की सिफारिशें सुदूर इलाकों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी को लेकर है। कोर्ट ने कहा कि उन सिफारिशों को सार्वजनिक किया जाए। यूजीसी ने कुहाड कमेटी की रिपोर्ट हाई कोर्ट में सौंपी थी। हाई कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को इन आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट 4 हफ्ते में दाखिल करने का निर्देश दिया। हाई कोर्ट ने शिकायत निवारण कमेटी को तीन ओपन बुक एग्जामिनेशन के पूरा होने पर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने इस मामले पर पिछली 5 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इस मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा था कि छात्रों को प्रश्नों के उत्तर भेजने के लिए यूनिवर्सिटी के पोर्टल पर जाने की जरूरत नहीं है। जो छात्र ओपन बुक एग्जामिनेशन में शामिल नहीं हो पाएंगे, वे बाद में आफलाइन परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा था कि डिवीजन बेंच ने ओपन बुक एग्जामिनेशन की अनुमति दे दी है। इसलिए इसे वापस लेने का कोई सवाल नहीं है। याचिकाकर्ता चाहते हैं कि पहले के असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट जारी हो। इस मसले पर यूजीसी को फैसला करना है। तब यूजीसी ने कहा कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लंबित है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा था कि ओपन बुक एग्जामिनेशन छात्रों को एक जगह जमा होने से रोकना है। इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। ओपन बुक एग्जामिनेशन के लिए किसी के पास उच्च तकनीक का होना जरूरी नहीं है। दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा था कि ये तरीका सबसे बेहतरीन तरीका है। ई-मेल से प्रश्नोत्तर भेज देना ही काफी है। इस परीक्षा के तुरंत बाद ही आफलाइन परीक्षा भी ली जाएगी। इससे छात्र अपना करियर आगे बढ़ा सकते हैं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा था कि छात्रों की शिकायत का निवारण करने के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। हर विभाग में हेल्पलाइन स्थापित की गई है। कोर्ट ने पूछा था कि क्या कमेटी का ई-मेल है। डीन ऑफ एग्जामिनेशन प्रोफेसर विनय गुप्ता ने कहा था कि कमेटी के लोगों का सीधे बातचीत करना उचित नहीं है। कोर्ट ने पूछा था कि छात्र अपनी बात कैसे पहुंचाएंगे। इस पर प्रोफेसर गुप्ता ने कहा कि शिकायती ई-मेल कर सकते हैं। कोर्ट ने पूछा था कि अपलोडिंग और डाउनलोडिंग के समय पर क्या फैसला किया गया, प्रोफेसर गुप्ता ने कहा कि सभी मसलों का हल कर लिया गया है।

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