
कोरोना के इलाज में अधिक फीस नहीं ले सकेंगे निजी अस्पताल
पटना। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार नीतीश सरकार ने राज्य के निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस के इलाज की फीस तय कर दी है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में गुरुवार को अधिसूचना जारी की है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी जिलों के डीएम को सरकार का आदेश दिया गया है कि सरकार ने बिहार के अलग-अलग शहरों और जिलों को तीन कैटेगरी में बांटा है। इन तीनों कैटेगरी में कोरोना वायरस के लिए अलग-अलग दर निर्धारित की गई है।
सरकार की तरफ से जारी आदेश में पटना को ए कैटेगरी में रखा गया है जबकि बी कैटेगरी में भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया और पूर्णिया को रखा गया है। बाकी अन्य जिले सी केटेगरी में रखे गए हैं। सरकार ने यह तय किया है कि कोरोना मरीजों का पटना में इलाज कराने के लिए आइसोलेशन वार्ड में रखे गए मरीजों को 10,000 रुपये तक की फीस प्राइवेट अस्पतालों को देनी होगी जिसमें 1200 रुपए पीपीई किट का शुल्क भी जुड़ा हुआ है। यह फीस एनएबीएच की तरफ से मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों के लिए रखी गई है जबकि जो अस्पताल एनएबीएच से मान्यता प्राप्त नहीं होंगे, वहां आइसोलेशन बेड के लिए 8,000 की फीस देनी होगी।
आईसीयू में बिना वेंटिलेटर की सुविधा के लिए एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों में 15,000 रुपये जबकि नॉन-एनएबीएच अस्पतालों में 13,000 रुपये देने होंगे। आईसीयू में वेंटीलेटर की सुविधा के साथ इलाज के लिए एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों में 18,000 और नॉन एनएबीएच वालों में 15,000 रुपये फीस के तौर पर देने होंगे। राज्य सरकार ने कैटेगरी वाले जिलों या शहरों के लिए भी शुल्क का निर्धारण किया है। इनमें आइसोलेशन बेड के लिए 8000 रुपये बिना वेंटीलेटर के आईसीयू में इलाज के लिए 12000 रुपये और आईसीयू के साथ वेंटिलेटर की सुविधा में इलाज के लिए 14400 रुपये की फीस निर्धारित की गयी है। कैटेगरी ए और बी को छोड़कर सी श्रेणी में आने वाले अन्य जिलों और शहरों में कोरोना के इलाज के लिए आइसोलेशन बेड की सुविधा पर 6000 रुपये, आईसीयू की सुविधा पर 9000 रुपये और आईसीयू में वेंटिलेटर की सुविधा पर 10800 रुपये फीस देनी होगी ।
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