लालटेन की बुझेगी लो या खिलेगा कमल

लालटेन की बुझेगी लो या खिलेगा कमल

Reported By BORDER NEWS MIRROR
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सुपौल। सुपौल जिले के सभी पांच विधानसभा की रणभेरी बज चुकि है। तीसरे चरण यानी 7 नवंबर को जिले के सभी सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे। बिहार के सत्ता संग्राम के दो अहम ध्रुव एनडीए व राजद द्वारा प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रत्याशियों के चयन से ही विकास के […]
सुपौल। सुपौल जिले के सभी पांच विधानसभा की रणभेरी बज चुकि है। तीसरे चरण यानी 7 नवंबर को जिले के सभी सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे। बिहार के सत्ता संग्राम के दो अहम ध्रुव एनडीए व राजद द्वारा प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रत्याशियों के चयन से ही विकास के मुद्दे पर चुनाव होने की दोनों गठबंधनों का दावा जमीन पर टूट चुका है। पूरे बिहार की तरह ही कोसी के हालात भी समान ही हैं। वोट समीकरण को आधार बनाकर बिछायी जा रही हर विसात से विकास व समरस समाज के नारे का खोखलापन खुद झांकने लगा है। ऐसे में जिले का सबसे महत्वपूर्ण सीट माने जाने वाला पिपरा विधानसभा क्षेत्र जहां वर्तमान में राजद का कब्जा है उसे बचाना राजद के लिए चुनोती से कम नहीं। लोगों में इस बात को लेकर चर्चा होने लगी है कि इस बार लालटेन की बुझेगी लो, या खिलेगा कमल। हालांकि अब तक दोनों गठबंधनों द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है। लेकिन संभावित उम्मीदवार अपनी अपनी तैयारी शुरू कर दिए हैं। एक तरफ जहां अपनी सीट बचाने के लिए राजद विधायक यदुवंश कुमार यादव लगातार क्षेत्र में बने हुए है वही दूसरी तरफ अपनी पत्नी की खोई हुई सीट को वापस लाने के लिए पूर्व सांसद जद्दोजहद कर रहे हैं। 
पिपरा विधानसभा क्षेत्र वर्ष 2010 में वजूद में आया। पहले चुनाव में जदयू की सुजाता देवी पूर्व सांसद विश्वमोहन कुमार की पत्नी ने जीत हासिल की थी। जबकि 2015 में राजद के यदुवंश कुमार यादव ने इस सीट से जीत दर्ज की। इससे पहले यह क्षेत्र त्रिवेणीगंज विधानसभा के अधीन था। 2015 में का पिपरा विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय जनता दल के यदुवंश कुमार यादव ने भाजपा के विश्वमोहन कुमार को 36 हजार 369 मतों से हरा कर जीत दर्ज की थी। 2015 में यदुवंश कुमार यादव को 85 हजार 944 मत प्राप्त हुए थे। वहीं भाजपा प्रत्याशी विश्वमोहन कुमार को 49 हजार 575 वोट मिले थे। हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में पिपरा विधानसभा सीट भाजपा या जदयू के खाते में जाती है, इसे लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। फिलहाल राजद की ओर से यहां सीटिंग विधायक प्रत्याशी माने जा रहे हैं. हालांकि राजनीतिक गलियारों में इस बार उनके द्वारा सीट बदलने की चर्चा भी हो रही है। 

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