गायत्री प्रजापति को स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत देने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

गायत्री प्रजापति को स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत देने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रेप के आरोपित उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत देने की मांग पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान गायत्री प्रजापति की ओर से वकील राजीव धवन ने कहा कि आरोपित पिछले 3 सालों से जेल में बंद है। उसे […]
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रेप के आरोपित उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत देने की मांग पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान गायत्री प्रजापति की ओर से वकील राजीव धवन ने कहा कि आरोपित पिछले 3 सालों से जेल में बंद है। उसे कई बीमारियां हैं, जिनका इलाज ज़रूरी है। उप्र सरकार की ओर से कहा गया कि मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक गायत्री प्रजापति को कोई गंभीर समस्या नहीं है।
कोर्ट ने पिछले 21 सितम्बर को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली अंतरिम जमानत पर रोक लगा दी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले 5 सितम्बर को गायत्री प्रजापति को दो महीने की अंतरिम ज़मानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। 17 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने प्रजापति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के एफआईआर दर्ज करने के निर्देश के बाद 15 मार्च, 2017 को गायत्री प्रजापति को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था। 24 अप्रैल, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को निर्देश दिया था कि गायत्री प्रजापति मामले में पीड़ित और उसके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
पीड़ित महिला समाजवादी पार्टी की कार्यकर्ता है। उसके मुताबिक गायत्री प्रजापति ने 2014 से जुलाई 2016 तक 2 साल उसके साथ लगातार रेप किया। प्रजापति और उनके सहयोगियों ने कुछ मौकों पर उसके साथ सामूहिक रेप भी किया। जब प्रजापति ने उसकी 14 साल की बेटी के साथ बलात्कार की कोशिश की तब उसने पुलिस में शिकायत की। कोई कार्रवाई न होने पर उसने 7 अक्टूबर, 2016 को प्रदेश के डीजीपी से भी शिकायत की लेकिन वहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद प्रजापति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिेए गए थे। 

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