एनसीसी को एनईपी पाठ्यक्रम के साथ संशोधित करना बड़ी चुनौती
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गया|राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) – 2020 के अनुसार एनसीसी (“राष्ट्रीय कैडेट कोर) की सेमेस्टर प्रणाली के वर्तमान पाठ्यक्रम में आवश्यक संशोधनों के मद्देनज़र सोमवार को एक ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसमें दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के संबंधित पदाधिकारी के साथ-साथ एनसीसी बिहार एवं झारखण्ड निदेशालय के सभी आठ ग्रुप ने भाग लेते […]
गया|राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) – 2020 के अनुसार एनसीसी (“राष्ट्रीय कैडेट कोर) की सेमेस्टर प्रणाली के वर्तमान पाठ्यक्रम में आवश्यक संशोधनों के मद्देनज़र सोमवार को एक ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया गया।
इसमें दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के संबंधित पदाधिकारी के साथ-साथ एनसीसी बिहार एवं झारखण्ड निदेशालय के सभी आठ ग्रुप ने भाग लेते हुए आपस में मंथन किया। पीआरओ मो.एम आलम ने बताया कि सीयूएसबी से विवि के कुलसचिव कर्नल राजीव कुमार सिंह,शिक्षा विभाग की सहायक प्राध्यापिका सह 27 बिहार बटालियन की सी.टी.ओ. डॉ. प्रज्ञा गुप्ता, छात्र अधिष्ठाता प्रो.आतीश पराशर, सह प्राध्यापक डॉ. तरुण कुमार त्यागी, गया ग्रुप एन.सी.सी. के कमांडर ब्रिगेडियर सी.सी. जलील, 27 बिहार बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल जे.एन. कुमार एवं तकनीकी सहायक राकेश रंजन उपस्थित थे। सीयूएसबी के प्रशासनिक भवन स्थित कांफ्रेंस हॉल में मौजूद पदाधिकारियों ने एनसीसी पाठ्यक्रम को सीबीसीएस एवं सेमेस्टर सिस्टम पर आधारित बनाने में आने वाली चुनौतियां एवं मुद्दे शीर्षक पर अन्य प्रतिभागियों के साथ विस्तार से चर्चा की।
प्रतिभागियों ने कहा कि एनसीसी.पाठ्यक्रम को सीबीसीएस एवं सेमेस्टर सिस्टम में परिवर्तित करते समय कुछ मुख्य बिदुओं जैसे क्रेडिट अधिभार, आंकलन एवं मूल्याकन, राष्ट्रीय एवं अनिवार्य कैंप आदि पर गहन विचार विमर्श करने की आवश्यकता है।इसके साथ – साथ एनसीसी पाठ्यक्रम में समसामयिक विषय जैसे डिजिटल लिटरेसी , पर्यावरण शिक्षा, थिंकिंग डिज़ाइन,आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस आदि विषयों को जोड़ने की आवश्यकता है।
वेबिनार में प्रतिभागियों ने यह भी कहा कि एनसीसी के 40 से 50 प्रतिशत सैद्धांतिक पाठ्यक्रम को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाने के लिए डी.जी. ट्रेनिंग ऐप काफी सहायक सिद्ध होगा। इस ऐप से एनसीसी कैडेट्स देश के किसी कोने में बैठकर आसानी से अपने अकादमिक पाठ्यक्रम की आवश्यक गतिविधियों से समझौता किए बिना एनसीसी के पाठ्यक्रम को आसानी से पूरा कर पाएंगे । ऐसी ऑनलाइन व्यवस्था से एनसीसी कैडेट्स के नामांकन प्रतिशत में भी काफी सुधार आएगा।
वेबिनार में ये चर्चा हुई कि एनसीसी के आंकलन एवं मूल्यांकन की प्रक्रिया में भी सीबीसीएस एवं सेमेस्टर सिस्टम के अनुकूल बदलाव की आवश्यकता होगी ताकि विश्वविद्यालय के साथ तालमेल बनाया जा सके।एनसीसी पाठ्यक्रम में विभिन्न कैंपों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।ऐसे में सेमेस्टर सिस्टम में राष्ट्रीय कैंप जैसे गणतंत्र दिवस परेड, पर्वतारोहण कैंप, आर्मी अटैचमेंट कैंप आदि जिनकी अवधि एक से तीन माह की की होती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) – 2020 की शिक्षा प्रणाली में इनका आयोजन एवं उसमें कैडेट्स की प्रतिभागिता सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती होगी और इसका अनुकूल उपाय सोचना अतिआवश्यक है।
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