
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने राऊज एवेन्यू कोर्ट को निर्देश दिया है कि वो दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने के पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन के बयानों पर विचार करें। जस्टिस सुरेश कैत ने आरोपितों को सभी दस्तावेज […]
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने राऊज एवेन्यू कोर्ट को निर्देश दिया है कि वो दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने के पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन के बयानों पर विचार करें। जस्टिस सुरेश कैत ने आरोपितों को सभी दस्तावेज मुहैया कराने का निर्देश दिया।
केजरीवाल की ओर से वकील एन हरिहरन ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने 21 फरवरी 2018 को दर्ज वीके जैन का बयान अपने पास ही रखा हुआ है। अभियोजन ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह बयान उसके लिए मुफीद नहीं है। अभियोजन की ओर से वीके जैन के उस बयान को पेश नहीं करने का खुलासा राऊज एवेन्यू की सेशंस कोर्ट ने तब किया जब वह सभी दस्तावेजों की पड़ताल कर रही थी। हाईकोर्ट ने वीके जैन के बयानों की प्रति आरोपियों को सौंपने का आदेश दिया।
अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि 19-20 फरवरी 2018 की आधी रात को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में बुलाई गई बैठक में उनके साथ आप के विधायकों ने कथित तौर पर मारपीट और बदसलूकी की थी। इस मामले में दायर आरोप पत्र में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को आरोपी बनाया गया है।
इस मामले पर सुनवाई के दौरान सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मुख्य सचिव को तीन सीटों वाले सोफे में अमानुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल के बीच में बैठने को कहा गया । आमतौर पर ऐसा नहीं होता है । सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने कोर्ट में बताया था कि उन्होंने अंशु प्रकाश के चेहरे पर लगी चोटें देखी हैं ।
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