
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के नीस शहर के एक चर्च में गुरुवार को हुए आतंकवादी हमले सहित देश में हुई आतंकवादी वारदातों की कड़ी निंदा की है।
मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत फ्रांस के साथ एकजुट है। उन्होंने हमलों में मारे गए लोगों के परिजनों और फ्रांस की जनता के साथ संवेदना व्यक्त की है।
उल्लेखनीय है कि नीस शहर में एक मजहबी जुनूनी ने ‘अल्लाह हू अकबर’ कहते हुए चर्च में घुसकर तीन लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी। पुलिस ने चर्च में घुसकर आतंकवादी पर गोलीबारी की जिसमें वह घायल हो गया और फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में है।
करीब 1 हफ्ते के दौरान फ्रांस में मजहबी जुनून के आधार पर होने वाली यह दूसरी बड़ी घटना है। इससे पहले एक युवक ने सैमुअल पेटी नामक एक अध्यापक का सर कलम कर दिया था। हमलावर युवक बाद में पुलिस कार्रवाई में मारा गया था। अध्यापक ने हजरत मोहम्मद का एक कार्टून कक्षा में दिखाया था। इससे उत्तेजित एक युवक ने अध्यापक को निशाना बनाया था।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अध्यापक की मौत के बाद देश में इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया था। उन्होंने कहा था कि फ्रांस मजहबी उन्माद बर्दाश्त नहीं करेगा तथा इसे फैलाने वाले लोगों और संस्थाओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इस्लामी आतंकवाद को फ्रांस और पश्चिमी जगत के लिए एक बड़ा खतरा बताया था।
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन, ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्लाह खामेनेई और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मैक्रों के बयान की आलोचना की थी। एर्दोआन और इमरान खान ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति के प्रति अपशब्दों का प्रयोग किया था। भारत ने मैक्रों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए उनके खिलाफ अपशब्दों के प्रयोग की कड़ी निंदा की थी।
विदेश मंत्रालय ने अपने एक वक्तव्य में कहा था कि यह कूटनीतिक मानकों के खिलाफ है। नई दिल्ली में फ्रांस के राजदूत ने विदेश मंत्रालय के बयान की सराहना करते हुए कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और फ्रांस एक दूसरे पर भरोसा कर सकते हैं।
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