जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ आपराधिक अवमानना केस में वकील अश्वनी उपाध्याय ने अटार्नी जनरल को लिखा पत्र

जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ आपराधिक अवमानना केस में वकील अश्वनी उपाध्याय ने अटार्नी जनरल को लिखा पत्र

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नई दिल्ली। भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल को पत्र लिखकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी और उनके मुख्य सलाहकार अजय कल्लम के खिलाफ आपराधिक अवमानना के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। अटार्नी जनरल ने जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ अवमानना  का मुकदमा चलाने पर सहमति देने से […]
नई दिल्ली। भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल को पत्र लिखकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी और उनके मुख्य सलाहकार अजय कल्लम के खिलाफ आपराधिक अवमानना के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है।
अटार्नी जनरल ने जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ अवमानना  का मुकदमा चलाने पर सहमति देने से इनकार कर दिया था। अटार्नी जनरल ने कहा था कि हरकत संदिग्ध और अवज्ञापूर्ण है, लेकिन ये मसला पहले से ही चीफ जस्टिस के पास है। ऐसे में मेरी सहमति ज़रूरी नहीं है। अश्विनी उपाध्याय ने जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलाने की सहमति देने के लिए अटार्नी जनरल से आग्रह किया था। 
अटार्नी जनरल ने कहा कि चीफ जस्टिस को लिखा गया यह पत्र प्रेस कांफ्रेंस के जरिये सार्वजनिक किया जा चुका है। यह संदेहास्पद है, क्योंकि यह पत्र ऐसे समय लिखा गया है जब कि जस्टिस एनवी रमना ने 16 सितम्बर को अपने आदेश में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मामलों को जल्द निपटाने का आदेश दिया था। अटार्नी जनरल ने अश्विनी उपाध्याय के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ खुद 31 आपराधिक मामले लंबित हैं। अटार्नी जनरल ने कहा कि ये मामला चीफ जस्टिस के पास पहले से है। ऐसे में मेरी सहमति की जरूरत नहीं है।

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