नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया सुचिता और आस्था का महापर्व छठ

नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया सुचिता और आस्था का महापर्व छठ

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बेगूसराय। सुचिता, आस्था और सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ बुधवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। पर्व को लेकर सुबह से ही हर घर में प्रसाद बनाने वाले गेहूं और चावल को साफ करने और सुखाने का सिलसिला शुरू हो गया। इसके बाद सभी घर में व्रती महिलाओं ने खुद से ही सुचिता […]
बेगूसराय। सुचिता, आस्था और सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ बुधवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। पर्व को लेकर सुबह से ही हर घर में प्रसाद बनाने वाले गेहूं और चावल को साफ करने और सुखाने का सिलसिला शुरू हो गया। इसके बाद सभी घर में व्रती महिलाओं ने खुद से ही सुचिता के साथ अरवा चावल, चना का दाल और कद्दू की सब्जी बनाकर सपरिवार ग्रहण किया। दूसरी ओर नहाय-खाय को लेकर गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा। 
बेगूसराय में बछवाड़ा से लेकर साहेबपुर कमाल तक के गंगा घाटों पर पांच लाख से भी अधिक लोगों ने स्नान किया। पर्व को लेकर बिहार के कोने कोने से श्रद्धालुओं के सिमरिया घाट पहुंचने का सिलसिला रात से ही शुरू हो गया तथा रात करीब दो बजे से ही गंगा स्नान शुरू हो गया। इस दौरान सिमरिया में किसी प्रकार की प्रशासनिक व्यवस्था नहीं रहने के कारण लोगों को भारी फजीहत झेलनी पड़ी। हर वर्ष कार्तिक में भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सिमरिया में गंगा नदी के स्नान घाट पर बैरिकेडिंग की जाती थी। लेकिन इस बार अब तक ना तो बैरिकेडिंग किया गया और ना ही गंगा तट की सफाई की गई है। सब कुछ गंगा मैया के भरोसे छोड़ दिया गया है। 
यहां दो लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं ने हर तरफ गंदगी बिखरी पड़ी गंदगी के बीच गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद गंगा पूजन किया और प्रसाद बनाने के लिए जल लेकर अपने-अपने घर की ओर गए। सिमरिया में जहां विभिन्न जिलों के लोग जुटे, वहीं चमथा, झमटिया, मधुरापुर, सिहमा, चकोर, खोरामपुर और छितरौर समेत अन्य प्रमुख घाट पर भी बड़ी संख्या में दूरदराज से गंगा स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने बूढ़ी गंडक नदी में भी स्नान किया। 

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