
अहमदाबाद। संविधान दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर एक राष्ट्र एक चुनाव पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री गुरुवार को यहां केवडिया में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सम्मेलन के समापन असवर पर कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन सिर्फ विचार-विमर्श का विषय नहीं है, बल्कि यह देश की जरूरत है। अलग-अलग समय पर होने वाले चुनाव विकास कार्यों में बाधा डालते हैं। हमें इसके बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोकसभा, विधानसभा और अन्य चुनावों के लिए एक मतदाता सूची का उपयोग किया जाना चाहिए। हम इन सभी सूचियों पर समय और पैसा क्यों बर्बाद कर रहे हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं हर भारतीय नागरिक को संविधान दिवस की शुभकामनाएं देता हूं। मैं संविधान का मसौदा तैयार करने में शामिल सभी सम्मानित व्यक्तियों को धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि आज डॉ. राजेंद्र प्रसाद और बाबा साहेब अंबेडकर से लेकर संविधान सभा के सभी सदस्यों को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिनके अथक प्रयासों ने देश को एक संविधान दिया है। आज पूज्य बापू की प्रेरणा, सरदार पटेल की प्रतिबद्धता को श्रद्धांजलि देने का दिन है।
इस मौके पर सभी उपस्थित लोग प्रधानमंत्री के नेतृत्व में संविधान की प्रस्तावना का भी उच्चारण किया। इसके अलावा, पीठासीन अधिकारी, सचिव के साथ-साथ संसदीय-विधान अधिकारी भी संविधान के मूल्यों को अधिक सशक्त, सशक्त और जिम्मेदार तरीके से ले जाने का संकल्प लिया। इस सम्मेलन के तहत एक घोषणापत्र जारी किया गया। इस सम्मेलन की सबसे बड़ी विशेषता और सफलता यह है कि पहली बार राष्ट्रपति ने इस तरह किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लिया।
केवडिया में दो दिवसीय 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के दूसरे दिन सम्मेलन में भाग लेने वाले अतिथियों ने सत्र की शुरुआत से पहले स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दौरा किया और सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी। एकात्म भारत के मूर्तिकार सरदार पटेल की प्रतिमा के दर्शन से अभिभूत अतिथियों ने साक्षात्कार पुस्तिका में अपने अनुभव अंकित किये। इस मौकेे पर केवडिया में संविधान और बुनियादी कर्तव्यों के विषय पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। अधिवेशन के समापन के बाद सात दिन तक यह प्रदर्शनी आम लोगों के लिए खुली रहेगी।
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