बिहार में सेकेंडरी व हायर सेकेंडरी शिक्षकों के 34 हजार पद रिक्त
पटना। बिहार में सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली हैं। हाल ही केंद्र सरकार ने भी इस मामले में बिहार को पहले स्थान पर रखा था। देशभर में सबसे ज्यादा बिहार की शिक्षा व्यवस्था ख़राब है, यह केंद्र सरकार की रिपोर्ट बताती है। गुरूवार को शिक्षकों की बहाली को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। पटना उच्च न्यायालय ने इस मामले में नीतीश सरकार से जवाब मांगा है।
गुरूवार को पटना हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में यह बात निकल कर सामने आई कि बिहार के सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूलों में लगभग 34 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं। जिसको लेकर नीतीश सरकार और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से जवाब मांगा गया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले को लेकर अगली सुनवाई अब अगले साल 8 जनवरी को होगी।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति सबसे बदतर हो गई है। बिहार के सरकारी स्कूलों में देशभर की तुलना में शिक्षकों की सबसे अधिक पद रिक्त हैं। केन्द्र सरकार की ओर से जारी रिक्तियों के अनुसार पूरे देश मे 10 लाख, 60 हजार, 139 शिक्षकों के पद खाली हैं, जिसमें सर्वाधिक बिहार में दो लाख, 75 हजार, 255 पद रिक्त हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह जानकारी खुद केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में सांसद धर्मवीर सिंह द्वारा अतारांकित प्रश्न के जबाव में दिया था। उन्होंने अपने जवाब कहा था कि बिहार में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद 6,88,157 पद के विरुद्ध दो लाख, 75 हजार, 255 पद खाली हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार की ओर से सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूलों में 94 हजार शिक्षकों का नियोजन होना है। इसकी प्रक्रिया चल रही है। बिहार के प्रारंभिक से लेकर प्लस-टू स्कूलों में शिक्षकों के लगभग 1.24 लाख पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है।
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