जब आईपीएस सुधीर कुमार सिंह से उनके सीनियर भी हो गये थे नाराज
तब लालू जी ने कहा नहीं छोड़ियेगा-एसपी का सपाट जवाब था नहीं
सागर सूरज
मोतिहारी: बात एक बेहतर और इमानदार पुलिसिंग की थी और सता के गलियारों में लोग नाराज थे। आईपीएस सुधीर कुमार सिंह को अचानक 2014 में छपरा से मोतिहारी स्थानांतरित कर दिया गया था। लोकसभा के चुनाव में सुधीर कुमार सिंह ने लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की एसयूवी की जाँच करवाने की दुस्साहस की थी। एसयूवी को जाँच करने वाले इंस्पेक्टर का नाम था चन्द्रमोहन सिंह। चन्द्र मोहन सुधीर सिंह के ख़ास और विश्वसनीय ऑफिसर थे। लालू प्रसाद यादव और चन्द्रमोहन सिंह के बीच तू-तू मै-मै का वीडियो भी वायरल हुआ था। मोतिहारी आने के बाद के कुछ घटना क्रम को सुधीर कुमार सिंह ने ‘बॉर्डर न्यूज़ मिरर’ के साथ साझा किया, हालाँकि तब ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ अंगेजी दैनिक के संवाददाता एवं एसपी के करीबी होने के नाते मुझे भी सभी घटनाक्रम से दो चार होने का मौका मिलता रहा। अब सुधीर कुमार सिंह के शब्दों में ही मोतिहारी की घटनाओं को देखें। मोतिहारी में योगदान के दूसरे या तीसरे दिन मुझे सूचना मिली कि छतौनी थाना क्षेत्र में एक बड़ा जुआ चलता है जिसमें नित्य लाखों का वारा -न्यारा होता है। मैंने सार्जेंट मेजर मु० मसलुद्दीन को बुलाकर कहा कि आपको पुलिस लाईन से फोर्स लेकर अपने नेतृत्त्व में जुए के एक अड्डे पर रेड करनी है, लेकिन थाने के किसी स्टाफ को जानकारी नहीं होनी चाहिए। श्री मसलुद्दीन ने आदेश का पालन करते हुए छब्बीस लोगों को गिरफ्तार किया और एक बड़ी रकम भी बरामद की। मैं बहुत खुश हुआ। लेकिन तभी दो -तीन पत्रकार आये। उन्होंने बताया कि सर, आपने रामबिचारी राय को गिरफ्तार कर बिरनी के खोते में हाथ डाल दिया है। आज रात आप सो नहीं पायेंगे। मुझे इसतरह की बात सुनकर आश्चर्य हुआ। इचारी -बिचारी नामक किसी आदमी को मैं नहीं जानता था। एक एसपी को एक जुआरी के चलते रात में नींद नहीं आएगी – मेरे लिए यह बेतुकी बात थी। लेकिन सचमुच ऐसा ही हुआ। कई महत्त्वपूर्ण लोगों के फोन रात भर घनघनाते रहे। करीब एक बजे रात्रि में श्री लालू जी का दुबारा फोन आया। उन्होंने कहा -‘रामबिचारी राय को छोड़ दीजिए। क्यों पकड़ लिए हैं ? ताश ही तो खेल रहा था।
जारी…शेष अगले अंक में
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